सिंघवी ने कहा कि बीजेपी सरकार नियमों-कानूनों को नहीं मानती है। ये सरकार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और राजद्रोह जैसे कानूनों का भी दुरुपयोग करती रही है।
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नई दिल्ली, 12 जुलाई। मंगलवार को कांग्रेस ने न्यायपालिका में केन्द्र सरकार के दखल का आरोप लगाया है। इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मोदी सरकार न्यायपालिका के कार्यों में दखल दे रही है। न्यायपालिका को ये सरकार डराने, भड़काने के साथ-साथ इस मजबूत संस्था के बारे में दुष्प्रचार करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार गैरकानूनी ढंग से न्यायपालिका के कार्यों में लगातार हस्ताक्षेप कर रही है। जिसका कांग्रेस विरोध करती है।
The Modi govt’s approach to the judiciary smacks on the three I’s that stand for Intimidation, Interference, and Influence.
These unfortunately have become the insignia, the notorious spikes of this govt.
: @DrAMSinghvi ji#JudiciaryUnderAttack— Congress (@INCIndia) July 12, 2022
सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार जजों की नियुक्तियों और अस्थानांतर के कार्यों में जानबूझ कर देरी करती है। उन्होंने कहा कि ये सरकार कॉलेजियम के आदेशों में भी जानबूझ कर देरी करती है। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति और अस्थानांतर में केन्द्र सरकार दखल देती है। ये सरकार अपने विचारधारा के जजों को प्राथमिका देती है।
Excessively but selectively delaying judicial appointment proposals from the collegium regarding High court appointments and Supreme Court appointments.
: @DrAMSinghvi ji#JudiciaryUnderAttack— Congress (@INCIndia) July 12, 2022
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नूपुर शर्मा मामले में जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के जज को बीजेपी के सोशल मीडिया ने ट्रोल किया वो ठीक नहीं है। इस तरह से किसी जज को डराया या धमकाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जज को भी बीजेपी ने ट्रांसफर की धमकी दिलवाई थी। सिंघवी ने कहा कि बीजेपी सरकार नियमों-कानूनों को नहीं मानती है। ये सरकार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और राजद्रोह जैसे कानूनों का भी दुरुपयोग करती रही है।
It is not Karnataka that matters or the High Court or the Judge, these are all symptomatic of this deep-seated malice.
: @DrAMSinghvi Ji#JudiciaryUnderAttack— Congress (@INCIndia) July 12, 2022