जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी में शनिवार को एडमिशन प्रक्रिया के दौरान छात्रों के हंगामे से अफरा-तफरी मच गई। नाराज छात्रों ने कुलपति सचिवालय में धरना शुरू कर दिया। इस दौरान एनएसयूआई के राहुल मेहला की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। हंगामा डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस के बाहर हुआ।
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विवाद तब शुरू हुआ, जब शनिवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता छात्रसंघ महासचिव अरविंद के कार्यालय के बाहर खड़े थे। कुछ ही देर बाद छात्र नेता हेमंत पुजारी की गाड़ी में बैठकर कुछ छात्र मौके पर पहुंचे। इन छात्रों ने राहुल मेहला के समर्थकों के साथ मारपीट शुरू कर दी।
आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरना
गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। इस पूरे घटनाक्रम में दो छात्राएं और एक छात्र भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद दोपहर लगभग 1:30 बजे एनएसयूआई के कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय पहुंचे। आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया।
छात्रनेता राहुल मेहला ने बताया कि आज हम स्पोट्र्स कॉम्पेक्स में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की बैठक में मौजूद थे। तभी सूचना मिली कि डीएसडब्ल्यू ऑफिस के बाहर खड़ी गाड़ियों के साथ छात्र संघ महासचिव अरविंद जाजड़ा के समर्थकों ने तोड़फोड़ की है। मौके पर हमारे पहुंचने से पहले ही अरविंद के समर्थक फरार हो गए थे।
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छात्र नेता संजय चौधरी ने कहा कि यूनिवर्सिटी महासचिव अरविंद का कार्यकाल पूरा हो गया है। बावजूद इसके वह अपना कार्यालय खाली नहीं कर रहे हैं। आज यूनिवर्सिटी कैंपस में अरविंद के समर्थकों ने ही वाइन शॉप पर जाने के लिए राहुल की गाड़ी की चाबी मांगी थी। जब राहुल के साथियों ने उन्हें चाबी नहीं दी, तो अरविंद के समर्थकों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसमें एक छात्र का हाथ भी टूट गया है। इसे एनएसयूआई कार्यकर्ता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
महासचिव अरविंद जाजड़ा ने कहा कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा बेवजह मुझे इस पूरे विवाद में घसीटा जा रहा है। मैं आज नागौर में हूं। हालांकि कुछ एनएसयूआई के कार्यकर्ता ही आपस में मेरे और निर्मल के कार्यालय के बाहर झगड़ने लग गए थे। जिसे वहां मौजूद मेरे कुछ समर्थकों ने रोकने की कोशिश की थी। जबकि इस पूरे विवाद से मैं कोसों दूर हूं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू नरेश मलिक ने बताया- यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा छात्रों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए छात्रसंघ पदाधिकारियों को अगले 48 घंटे में कार्यालय खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अगर इसके बाद भी किसी पदाधिकारी ने अपना कार्यालय खाली नहीं किया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जिन छात्रों के साथ आज मारपीट हुई है। उनमें भी दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। ऐसे में पुलिस द्वारा जांच के बाद ही इस मामले पर कोई फैसला किया जाएगा।