केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को पृथ्वी भवन में भारत सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होंने एक राष्ट्रीय भू-स्थानिक डेटा भंडार और पीपीपी मॉडल का प्रस्ताव रखा। बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को किसानों के कल्याण के लिए नवीन और स्वदेशी उत्पाद बनाने के लिए एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफ़ेस बनाने का निर्देश दिया।
Updated Date
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को पृथ्वी भवन में भारत सरकार के सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होंने एक राष्ट्रीय भू-स्थानिक डेटा भंडार और पीपीपी मॉडल का प्रस्ताव रखा। बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को किसानों के कल्याण के लिए नवीन और स्वदेशी उत्पाद बनाने के लिए एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफ़ेस बनाने का निर्देश दिया।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जियो-आईसीटी बुनियादी ढांचे के कनेक्शन पर जोर दिया। उन्होंने पीपीपी मोड में गैर-सरकारी क्षेत्रों के सहयोग से ज्ञान और संसाधनों के संयोजन पर आधारित टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र का मंत्र भी साझा किया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मंत्रालय के तहत सभी विभाग सामान्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समन्वय में कार्य करेंगे।
बैठक का एक मुख्य आकर्षण एक महीने तक चलने वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह और 23 अगस्त को भारत मंडपम में मुख्य कार्यक्रम की समीक्षा थी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रस्तावित “विज्ञान शक्ति” पोर्टल पर प्रगति का भी जायजा लिया। बैठक में डॉ. एके सूद, प्रोफेसर अभय करंदीकर, डॉ. राजेश गोखले, रवि चंद्रन, डॉ. एन कलैसेलवी आदि थे। जबकि इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए।