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Uttarakhand : धामी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया, जानें धामी का आम कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री तक का सफर

विधानमंडल दल के नेता चुने जाने के बाद धामी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ राजभवन गए। जहां उन्होंने राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

देहरादून, 21 मार्च। बीजेपी विधानमंडल दल के नव निर्वाचित नेता पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। सोमवार को शाम साढ़े 5 बजे बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को नेता चुना गया।

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विधानमंडल दल के नेता चुने जाने के बाद धामी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ राजभवन गए। जहां उन्होंने राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने धामी के नेतृत्व में नई सरकार मंत्रिमंडल के गठन का अनुरोध पत्र राज्यपाल को सौंपा। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि पुष्कर सिंह धामी को विधानमंडल दल का नया नेता चुना गया है।

धामी को दूसरी बार उत्तराखंड की कमान, बने 12वें मुख्यमंत्री

पुष्कर सिंह धामी को जुलाई 2021 से पहले बहुत कम लोग जानते थे। लेकिन इसके बाद धामी प्रदेश के सबसे चर्चित चेहरों में शामिल हो गए। 45 साल के धामी को अचानक बीजेपी ने प्रदेश का 11वां मुख्यमंत्री घोषित किया था। तब खुद धामी को भी इस घोषणा ने आश्चर्यचकित कर दिया था। अब विधानसभा-2022 के हुए चुनाव के बाद सोमवार को विधानमंडल दल की बैठक में उन्हें दोबारा से मुख्यमंत्री चुन लिया गया। इस तरह वो प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने एक बार खुद कहा था, ‘मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता ने कभी सोचा भी नहीं था कि पार्टी मेरे कंधों पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी डाल देगी। बीजेपी की यही खूबसूरती है। यहां पार्टी का छोटे से छोटे कार्यकर्ता भी ऊंचे पदों पर पहुंच जाता है। 03 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही धामी के नाम एक रिकॉर्ड और दर्ज हो गया। वो उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे। साथ ही विधायक के बाद सीधे मुख्यमंत्री बनाए गए थे’।

धामी का राजनीतिक सफर

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पुष्कर सिंह धामी बहुत ही साधारण परिवार से संबंध हैं। उनके पिता सैनिक थे। अगर उत्तराखंड की राजनीति में धामी के सफर की शुरुआत देखें तो 2001 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के धामी OSD थे। तभी से इन्होंने उत्तराखंड की राजनीति में कदम रखा। वैसे तो छात्र जीवन से ही धामी राजनीति के गुर सीखने लगे थे। धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जनपद के डीडीहाट तहसील के टुंडी गांव में हुआ था। इनकी शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई। इनके जन्म के कुछ समय बाद इनका परिवार खटीमा आ गया था। इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई खटीमा में ही की। उच्च शिक्षा के लिए धामी लखनऊ चले गए। वहां इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से BA से स्नातक किया। फिर LLB किया। इन्होंने डिप्लोमा इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन भी किया है। धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में स्नाकोत्तर किया है।

ABVP के राष्ट्रीय संयोजक रहे चुके हैं धामी

लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी ने ABVP के जरिए छात्र राजनीति में कदम रखा। ये ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन के संयोजक रहे हैं। अलग उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी इन्होंने हिस्सा लिया है। अलग राज्य बनने के समय धामी लखनऊ विश्वविद्यालय में सक्रिय छात्र राजनीति कर रहे थे। पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड बीजेपी युवा मोर्चा के दो बार (2002 से 2008 तक) अध्यक्ष भी रहे हैं। युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहते उन्होंने पार्टी से बड़ी संख्या में युवाओं को जोड़ा। इसी कारण उन्हें दोबारा युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया। 2007 में बीजेपी की सरकार फिर से बनी तो धामी को शहरी अनुश्रवण समिति का उपाध्यक्ष बनाकर, उन्हें दर्जाधारी मंत्री बनाया गया। यानी 2012 में पहली बार विधायक बनने से पहले धामी दर्जा मंत्री रहे हैं।

धामी ने पहला विस चुनाव उधमसिंह नगर के खटीमा से लड़ा था

पुष्कर सिंह धामी ने पहला विधानसभा चुनाव उधमसिंह नगर के खटीमा से लड़ा था। उन्हें पहले चुनाव में ही बड़ी जीत मिली थी। खटीमा विधानसभा सीट 2012 से पहले अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी। जब 2012 में इस सीट को सामान्य किया गया तो धामी टिकट पाने में कामयाब हुए। ये कामयाबी उन्होंने चुनाव में भी दिखाया। 2012 में इन्होंने 20,586 मतों के अंतर से कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र चंद को हराया था। इसके अगले चुनाव यानी 2017 में इन्होंने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 2709 मतों के अंतर से हराया था। कापड़ी कांग्रेस के युवा नेता हैं। 2017 में बीजेपी को प्रदेश में ऐतिहासिक जीत मिली। त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। धामी को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। शायद इनकी किस्मत में मंत्री से बड़ा पद लिखा हुआ था। बीजेपी हाईकमान ने इस कार्यकाल में दो मुख्यमंत्री बदले। तीसरी बार में हाईकमान की खोज पुष्कर सिंह धामी पर आकर खत्म हुई।

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पार्टी हाईकमान ने जुलाई 2021 को धामी को मुख्यमंत्री बना दिया। उन्होंने हाईकमान को निराश भी नहीं किया। उनके मुख्यमंत्री काल में बीजेपी ने फिर से प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। बेशक धामी अपना चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी को दो तिहाई बहुमत से दोबारा सत्ता में वापसी कराने में कामयाब हुए। इन्हें इसी का इनाम मिला। पार्टी ने दोबारा इन पर ही विश्वास जताया और प्रदेश के12 मुख्यमंत्री के रूप में इन्हें कमान सौंपी।

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