मंगलवार को जिले में मौसम ने करवट ली। दिन में आसमान में बादल छाए रहे, लेकिन दोपहर बाद बादलों और बूंदाबांदी के बीच उत्तरकाशी में ठंड बढ़ गई।
Updated Date
उत्तरकाशी, 04 जनवरी। उत्तराखंड में इस बार मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई है। लंबे समय बाद इस बार मंगलवार से ऊंचाई क्षेत्रों में हिमपात होने के साथ निचले इलाकों में बारिश की शुरुआत हो चुकी है।
ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी
मंगलवार को जिले में मौसम ने करवट ली। दिन में आसमान में बादल छाए रहे, लेकिन दोपहर बाद बादलों और बूंदाबांदी के बीच उत्तरकाशी में ठंड बढ़ गई। निचले इलाकों में ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते दिखे। वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई है।
ठंड में बढ़ोत्तरी होने से जन-जीवन प्रभावित
मौसम विज्ञान के पूर्वानुमान के मुताबिक पहाड़ी जिलों में बारिश और बर्फबारी की सूचना थी। उत्तरकाशी सहित डुंडा, भटवाड़ी, पुरोला, मोरी आदि जगहों पर बूंदाबांदी होने से ठंड में बढ़ोत्तरी हो गई और जन-जीवन खासा प्रभावित हो गया। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम सहित ऊंचाई वाले इलाकों में दोपहर बाद हल्की बर्फबारी शुरू हो गई। इसके कारण रात के समय में और अधिक तापमान गिरने की संभावना है। साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में और बर्फबारी हो सकती है। इस बार देरी से हो रही बर्फबारी और बारिश ना होने से पहाड़ पूरी तरह से कोरी ठंड के आगोश में थे।
बारिश ना होने से किसान और बागवान परेशान थे
यही नहीं समय से बारिश और बर्फबारी ना होने से किसानों को चारा की भी दिक्कत हो रही थी। इससे क्षेत्र में पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। गेहूं की फसल और बागवानी फलों के लिए भी इस बार का मौसम काफी नुकसानदायक रहा है। क्योंकि सेब की फसल के लिए 90 दिन से अधिक तक जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान की जरूरत होती है।