देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में एक बार फिर भाजपा ने बागेश्वर उपचुनाव में जीत का परचम लहरा दिया है। जिससे भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखने को मिल रही है। भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास और कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार के बीच काटे की टक्कर देखने को मिली थी।
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भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बागेश्वर विधायक चंदन रामदास का निधन हो जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इसके बाद 5 सितंबर को इस सीट के लिए मतदान किए गए और 8 सितंबर को चंदन रामदास की पत्नी और भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास ने एक बार फिर जीतकर अपने पति के नाम यह सीट कर दी है। 2022 के विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो चंदन रामदास ने 32211 वोट प्राप्त करके भाजपा का परचम लहराया था।
वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के प्रत्याशी रंजीत दास रहे, जिन्होंने 20070 वोट प्राप्त किए थे। वहीं तीसरे नंबर पर मौजूदा कांग्रेस के प्रत्याशी और 2022 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी वसंत कुमार ने 16109 वोट प्राप्त किए थे। जो अंतर स्वर्गीय चंदन रामदास के जीवित होने के समय विधानसभा चुनाव 2022 में 12,141 वोट था। वह अब गिरकर 2405 वोट हो गया है तो चिंता का विषय जरूर रहेगा ।
भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास की जीत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह विजय मातृशक्ति, युवाशक्ति और वरिष्ठजनों के हमारी सरकार पर अटूट विश्वास का प्रमाण है। इस उप चुनाव में बागेश्वर विधानसभा की जनता ने पीएम नरेन्द्र मोदी के विजन और राज्य सरकार की नीतियों तथा जन कल्याणकारी योजनाओं पर मुहर लगाई है।
भाजपा के नेताओं की बात की जाए तो उन्होंने जीत का श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की हार की वजह पैसों का दुरुपयोग बताया है। उत्तराखंड नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा की जीत को लोकतंत्र की हत्या बताया है। सत्ता और पैसों की ताकत से भाजपा ने यह चुनाव जीतने का आरोप लगाया है।
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एक तरफ जहां कांग्रेस यह कह रही है कि मार्जिन गिरने से यह साफ हो गया है कि प्रदेश और बागेश्वर की जनता कांग्रेस की तरफ मुख मोड़ती हुई नजर आ रही है। वही भाजपा ने उपचुनाव जीत को आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस की हाल का उदाहरण बता रही है।