कोलकाता, 15 फरवरी। पश्चिम बंगाल में ग्रुप-डी भर्ती मामले में ‘नाटकीय’ मोड़ आया है। मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ग्रुप-डी भर्ती मामले की जांच का जिम्मेदारी CBI को सौंप दी है।
पढ़ें :- Kolkata: Suvendu Adhikari Meets Families of Deceased, Offers Condolences Amid Tragedy
CBI को 18 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने न्यायमूर्ति आरके बाग की अध्यक्षता में गठित जांच समिति को भंग कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ग्रुप डी भर्ती में पैसों का लेनदेन हुआ है या नहीं इसकी सख्ती से जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी को 18 मार्च तक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। वहीं राज्य के महाधिवक्ता ने स्टे का अनुरोध किया लेकिन इसे जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया।
कोर्ट का CBI को निर्देश
कोर्ट ने निर्देश दिया कि आज से ही CBI के निदेशक जांच समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग से संपर्क कर सभी दस्तावेज इकट्ठे करेंगे। कल सुबह CBI कोर्ट को बताएगी कि आज के निर्देश के आलोक में उन्होंने क्या किया है। अगर CBI के निदेशक आज रात 9 बजे तक आदेश पर अमल नहीं कर पाते हैं तो वो कल सुबह 8 बजे से 10 बजे के बीच जांच समिति के अध्यक्ष से मिलेंगे और सभी दस्तावेज इकट्ठा करेंगे। इसके अलावा अगर जरूरत हुई तो जांच समिति के कार्यालय के बाहर CRPF की तैनाती की जाएगी।
पढ़ें :- पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में जमकर हिंसा, टीएमसी कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या, नार्थ 24 परगना में बैलेट पेपर लूटा
गौरतलब है कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने इस मामले की CBI जांच का आदेश दिया था। लेकिन खंडपीठ ने उसे खारिज कर सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया था, जिसे आज एकल पीठ ने भंग कर दिया। बतादें कि ग्रुप डी में 300 से अधिक पदों पर गैरकानूनी तरीके से नियुक्तियां हुई हैं। नियुक्ति बोर्ड भंग हो जाने के बावजूद भी उसकी सिफारिश पर नियुक्तियां होती रही। इसलिए इसमें बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप हैं।