उत्तराखंड के भीमताल में तितलियों का संसार है। जिसे देखकर लोगों का मन प्रसन्न हो जाता है। भीमताल में जून एस्टेट है, जहां बटरफ्लाई रेफरेंस कलेक्शन एंड रिसर्च सेंटर में तीन हजार से अधिक तितलियां और पतंगे संरक्षित हैं।
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भीमताल। उत्तराखंड के भीमताल में तितलियों का संसार है। जिसे देखकर लोगों का मन प्रसन्न हो जाता है। भीमताल में जून एस्टेट है, जहां बटरफ्लाई रेफरेंस कलेक्शन एंड रिसर्च सेंटर में तीन हजार से अधिक तितलियां और पतंगे संरक्षित हैं।
यह भारत में बटरफ्लाई मैन के रूप में प्रसिद्ध फ्रेडरिक स्मेटाचेक सीनियर और उनके बेटों फ्रेडरिक स्मेटाचेक जूनियर और पीटर स्मेटाचेक का संग्रह है। निजी स्वामित्व वाला यह संग्रहालय “बटरफ्लाई रिसर्च सेंटर” के रूप में भी जाना जाता है। इस संग्रहालय की खास बात यह है कि यहां मौजूद इन तितलियों में से बहुत सी तितलियां भारत की भी नहीं हैं।
एक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत इनमें से कुछ तितलियों और पतंगों को अनुसंधान उद्देश्यों के लिए दुनिया के अन्य हिस्सों से लाया गया था। यह उत्तराखंड का सबसे असाधारण संग्रहालय है, जो पर्यटकों और खासकर उन लोगों के लिए दिलचस्प है जो पर्यावरण और जीवों को लेकर सजग हैं और लगातार इन विषयों पर अध्ययन कर रहे हैं।
पीटर स्मेटाचेक ने बताया कि तितलियां स्वस्थ पर्यावरण का सूचक हैं। वनों की आग और बाहरी शक्तियां इस संतुलन को बिगाड़ने का काम कर रही हैं। अभी ऐसे कई स्पॉट हैं, जहां तितलियों का संसार बसा है। लेकिन ग्लोबल वार्मिंग, वनों का दोहन, जंगलों की आग और पानी आदि की कमी के चलते यह संतुलन बिगड़ गया है।
आपको बता दें कि पिंडारी ग्लेशियर में पाए जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा कीट अटाकस एटलस कीट एक्टियास लूना, पारनासियस या स्नो अपोलो के नाम से प्रसिद्ध कीट भी यहां देखने के मिल जाएगा।