गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस ने ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो इस पूरे मामले में हैरान करने वाली बात सामने आई। बताया जाता है कि कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर भी इस पूरी ठगी में शामिल थे। यदि आप बैंक में खाता खोल रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं, क्योंकि लोगों के साथ ठगी करने के सारे तार बैंक से ही जुड़े हुए हैं और असली आरोपी बैंक में बैठे हैं।
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ये वही कर्मचारी हैं जो आपके सारे बैंक खातों की डिटेल ठगी करने वालों को देते हैं। गुरुग्राम में एक व्यक्ति ने पुलिस को लिखित शिकायत में बताया कि 18 नवंबर 2023 को उसके मोबाइल फोन पर कॉल आई। फोन करने वाले व्यक्ति ने उसे अपना परिचय उसके दोस्त देवेन्द्र के रूप में कराया और विश्वास में लेकर कहा कि उसका बेटा हास्पिटल में एडमिट है और उसे इस चीज के लिए 10 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा।
इसके बाद उसने एक यूपीआईआईडी भेजकर कहा कि यह मेरे भतीजे के बैंक अकाउण्ट में ट्रान्सफर करवा दो तो उसने उसके द्वारा भेजी गई यूपीआईआईडी पर उसे 10 हजार रुपए ट्रान्सफर कर दिए। इसको किसी ने विश्वास में लेकर धोखे से इससे रुपए ट्रान्फर कराकर इसके साथ ठगी की है। जिसके बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच में जुट गई थी।
गुरुग्राम की पुलिस टीम ने इस वारदात में बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले आरोपियों सहित कुल चार आरोपियों को गिरफ़्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपियों की पहचान मोहित राठी, महेश कुमार, विश्वकर्मा मौर्या व हयात के रूप में हुई। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी मोहित राठी (असिसटेंट मैनेजर), आरोपी महेश कुमार (डिप्टी मैनेजर) व आरोपी विश्वकर्मा मौर्या (डिप्टी मैनेजर) सभी कोटेक महिन्द्रा बैंक शाखा एमजी रोड में कार्यरत थे।
आरोपी हयात के माध्यम से ये मेवात में साइबर ठगी के सरगना से मिले थे और उसके बाद से ये लगातार साइबर ठग के संपर्क में रहकर उसे साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने में प्रयोग करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे, जिसके बदले ये साइबर ठग से 15-20 हजार रुपए प्रति बैंक खाता उपलब्ध कराने के लेते थे। आरोपी मोहित राठी, महेश कुमार व विश्वकर्मा मौर्या पिछले करीब 7 महीनों से कोटक महिन्द्रा बैंक में नौकरी कर रहे थे।