प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर BBC के दो हिस्सों वाली डॉक्यूमेंट्री का विरोध करने के एक दिन बाद केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.
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Anil K Antony Resigns: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी (Anil K Antony) ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बुधवार को ट्वीट कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है. बता दें कि केंद्र सरकार ने वृत्तचित्र का लिंक साझा करने वाले यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट ब्लॉक कर दिए हैं.
अनिल एंटनी ने ट्विटर पर कहा, ‘मैंने कांग्रेस से अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. मुझ पर एक ट्वीट को वापस लेने के असहिष्णुता से दबाव बनाया जा रहा था. वह भी उनकी तरफ से जो अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़े होने की बात करते हैं. मैंने मना कर दिया.’ बता दें कि बीबीसी की ओर से पीएम मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री पर एंटनी ने सरकार का साथ दिया था. इसके बाद कांग्रेस के भीतर ही उनका विरोध हो रहा था और ट्वीट वापस लेने का दवाब बनाया जा रहा था.
I have resigned from my roles in @incindia @INCKerala.Intolerant calls to retract a tweet,by those fighting for free speech.I refused. @facebook wall of hate/abuses by ones supporting a trek to promote love! Hypocrisy thy name is! Life goes on. Redacted resignation letter below. pic.twitter.com/0i8QpNIoXW
— Anil K Antony (@anilkantony) January 25, 2023
मंगलवार को केरल में हुई थी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग
बता दें कि भाजपा युवा मोर्चा के विरोध के बीच मंगलवार को केरल में विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने 2002 के गुजरात दंगों पर विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी. बीबीसी के “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग का भाजपा के युवा मोर्चा ने विरोध किया था. इसके बाद अनिल एंटोनी ने भी भाजपा युवा मोर्चा के इस कदम का समर्थन किया.
डॉक्यूमेंट्री विवाद पर दिया BJP का साथ
अनिल एंटनी ने मंगलवार को कहा कि जो लोग ब्रिटिश प्रसारक और ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव जैक स्ट्रा के विचारों का समर्थन करते हैं और उन्हें जगह देते हैं, वे भारतीय संस्थानों पर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं. क्योंकि 2003 के इराक युद्ध के पीछे जैक स्ट्रा का दिमाग था. उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ बड़े मतभेद के बावजूद, मुझे लगता है कि यह हमारी संप्रभुता को कमजोर करेगा.