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पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक से पहले, भारत के इन प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा में भी हो चुकी है बड़ी गलतियां

By इंडिया वॉइस 

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पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की रैली में हुई सुरक्षा चूक पर इस वक़्त देश में सियासत गर्म होती नज़र आ रही है। भाजपा के नेता इसपर पंजाब की  सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, वहीँ कांग्रेस पार्टी यह कह रही है कि प्रधानमंत्री को कोई भी खतरा नहीं था। भारत के राजनीतिक इतिहास में प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा पर इससे पहले भी कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। आज हम आपको ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर कई बार सवालिया निशान खड़े हुए हैं।

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जब विदेश की धरती पर हुआ था राजीव गांधी पर हमला

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सुरक्षा में भी एक बार बड़ी चूक हुई थी। जब वह श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो के दौरे पर गए थे। यह घटना 30 जुलाई, 1987 को हुई थी। पूर्व पीएम राजीव गांधी भारत-श्रीलंका शांति समझौते के लिए श्रीलंका गए थे।

वहां गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान एक सैनिक ने बंदूक बट से उन पर हमला कर दिया था। किसी भारतीय प्रधानमंत्री पर विदेश में हुआ यह अब तक का इकलौता हमला रहा है।

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जब हमले में हो गई थी राजीव गाँधी की हत्या

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में पूर्व पीएम राजीव गांधी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए पहुंचे थे। राजीव गांधी की चुनावी रैली के बाद रात के करीब सवा 10 बज रहे थे। अचानक भीड़ में से थेनमोझी राजारत्नम उर्फ धनु नाम की एक लड़की राजीव को फूलों की माला पहनाने आ जाती है।

राजीव गाँधी के पास आने से उसे सुरक्षा कर्मी रोक लेते हैं लेकिन खुद पूर्व पीएम राजीव गाँधी ही कहते हैं कि सबको स्वागत का मौका मिलना चाहिए। वह महिला माला पहना कर जैसे ही राजीव गांधी के पैर छूने के लिए झुकती है, तभी वहां पर बहुत तेज धमाका होता है। इस धामाके में राजीव गांधी समेत 18 लोगों की मौत हो गई थी।

जब पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर फेंका था पत्थर

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फरवरी 1967 में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर गईं थी, वहां वह भाषण दे रही थी उसी वक़्त भीड़ में कुछ उपद्रवी मौजूद थे। उन उपद्रवियों के कारण भीड़ को काबू में रखना आयोजकों के लिए मुश्किल का सबब बनता जा रहा था। इंदिरा गांधी अभी बोल ही रही थीं कि कुछ उपद्रवियों ने मंच पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। उसी में से एक ईंट का टुकड़ा आकर उनकी नाक पर लग गया और खून बहने लगा। वहां मौजूद उनके सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें मंच से हटने के लिए भी कहा साथ ही स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनसे कहने लगे कि वह जाकर मंच पर पीछे बैठ जाएँ।

मगर इंदिरा गांधी ने किसी की कोई बात नहीं मानी। वह अपनी चोटिल नाक को जिससे खून निकल रहा था उसपर रूमाल रख कर भाषण देती रही। उन्होंने उपद्रवियों को चेतावनी देते हुए कहा, यह मेरा अपमान नहीं है बल्कि देश का अपमान है। क्योंकि प्रधानमंत्री होने के नाते मैं देश का प्रतिनिधित्व करती हूं। इस घटने के तुरंत बाद में ही इंदिरा गांधी ने कोलकाता में भी भाषण दिया था।

जब इंदिरा गांधी की हुई थी हत्या

31 अक्टूबर 1984 की सुबह को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने कार्यालय से बाहर निकल रही थी। इंदिरा गांधी उस वक़्त अपने अधिकारियों से चर्चा ही कर रही थीं कि अचानक उनकी सुरक्षा में तैनात उन्ही के सिक्योरिटी गार्ड बेअंत सिंह ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से इंदिरा गांधी पर गोली चला दी उसने लगातार तीन गोलियां चलाईं।

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इसके बाद बेअंत सिंह ने उनसे थोड़ी ही दूर पर खड़े सतवंत सिंह से चिल्लाकर गोली चलाने के लिए कहा। यह सुनते ही सतवंत ने अपनी ऑटोमैटिक कार्बाइन की 25 गोलियां इंदिरा गांधी के ऊपर चला दीं। गोली लगने के बाद पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया गया, जिसके करीब 4 घंटे बाद दोपहर 2 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

जब मनमोहन सिंह पर फेंका गया था जूता

पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह पर 2009 में अहमदाबाद में एक चुनावी सभा के दौरान जूता फेंका गया था। हालांकि जिस व्यक्ति ने जूता फेंका उसकी उरी मंच से काफी ज्यादा थी इस वजह से उन तक जूता पहुंचा ही नहीं।

इस घटना के बाद भी मनमोहन सिंह वहां भाषण देते रहे। यह जूता हितेश चौहान नामक युवक ने फेंका था पीएम ने युवक को माफ कर दिया था। आरोपी तथा कंप्‍यूटर इंजीनियरिंग का छात्र था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इसके बाद यह भी कहा कि इस युवक पर कोई भी केस न दर्ज किया जाए।

पीएम मोदी की रैली में सुरक्षा चूक

पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की रैली थी हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर, जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। प्रधानमंत्री तकरीबन 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे।

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यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही सूचित कर दिया गया था । पंजाब सरकार को प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी थी। लेकिन कोई इंतजाम नहीं हुआ। इसके बाद से ही देश में सियासत गर्म है।

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