बीरभूम हिंसा मामले में CBI ने निलंबित SDPO और थाना प्रभारी को समन भेजा, जांच टीम की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों के 35 जवानों की तैनाती।
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कोलकाता, 28 मार्च। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में 9 लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। CBI अधिकारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के 35 जवानों की तैनाती की है।
11 आरोपियों से CBI ने की पूछताछ
केंद्रीय एजेंसी की 30 सदस्यीय जांच टीम ने रामपुरहाट में अस्थाई कैंप बनाए हैं। यहां इस मामले में गिरफ्तार 11 आरोपियों को अपनी हिरासत में लेकर CBI की टीम ने सोमवार को एक साथ पूछताछ शुरू की है। वारदात में अपने पूरे परिवार को खोने वाले मिहिलाल शेख, गिरफ्तार किए गए तृणमूल के रामपुरहाट ब्लॉक अध्यक्ष अनारूल हुसैन सहित 7 लोगों को सोमवार को कैंप लाकर उनसे सवाल-जवाब किए गए। पहले से गिरफ्तार लालन शेख और आजाद शेख से भी पूछताछ हुई है। आरोप है कि इन दोनों ने आगजनी में बड़ी भूमिका निभाई थी।
थाना प्रभारी और SDPO की हो सकती है गिरफ्तारी
केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि घटना में रामपुरहाट के निलंबित SDPO और थाना प्रभारी को समन किया गया है। आरोप है कि भादू शेख पर बमबारी के बाद उनकी मौत होते ही तनाव बढ़ने लगा था, लेकिन पुलिस ने शांति सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी नहीं किया। इसलिए इन दोनों अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। हिंसा की जानकारी मिलने के बावजूद पुलिस ने मौके पर पहुंचने और कार्रवाई करने में लापरवाही बरती। क्योंकि उन पर राजनीतिक दबाव बनाया गया था। इसलिए माना जा रहा है कि थाना प्रभारी और एसडीपीओ को CBI गिरफ्तार भी कर सकती है।