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युवा पीढ़ी को गीता के ज्ञान से जोड़कर ही सभ्य समाज का निर्माण संभव : सांसद धर्मबीर सिंह

भिवानी-महेन्द्रगढ़ सांसद धर्मबीर सिंह ने शनिवार को भिवानी के किरोड़ीमल पार्क में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि यज्ञमान के रूप में शामिल हुए व हवन में पूर्णाहुति डाली। सांसद ने गीता उत्सव की प्रदर्शनी में शिक्षण संस्थानों, धार्मिक व सामाजिक संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टॉलों का अवलोकन किया।

By Rakesh 

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भिवानी। भिवानी-महेन्द्रगढ़ सांसद धर्मबीर सिंह ने शनिवार को भिवानी के किरोड़ीमल पार्क में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि यज्ञमान के रूप में शामिल हुए व हवन में पूर्णाहुति डाली। सांसद ने गीता उत्सव की प्रदर्शनी में शिक्षण संस्थानों, धार्मिक व सामाजिक संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टॉलों का अवलोकन किया।

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इस मौके पर गीता जयंती के नोडल अधिकारी एवं एसडीएम दीपक बाबू लाल करवा भी मौजूद रहे। इस मौके पर सांसद धर्मबीर सिंह ने महोत्सव में अपना संदेश देते हुए कहा कि केवल आधारभूत ढ़ाचा बनाना ही विकास नहीं है, बल्कि युवा पीढ़ी में संस्कारों का विकास और समाज में हमारी समृद्ध संस्कृति के प्रति चेतना जागृत करना भी जरूरी है। गीता व्यक्ति को जीवन में विकास के पथ पर निरंतर आगे बढऩे की सीख देती है।

उन्होंने कहा कि हम खुशकिस्मत है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश हरियाणा की धरती पर ही दिया था। गीता से ही जीव का कल्याण है, जिसकी आज समाज को जरूरत है। गीता के संदेश से समाज में फैली हुई कुरीतियों से दूर रह सकते हैं। युवा पीढ़ी को गीता के ज्ञान से जोडऩे की आवश्यकता है तभी एक मजबूत समाज का निर्माण संभव है। सांसद ने कहा कि गीता के संदेश को जीवन में ढ़ालकर सभ्य व संस्कारी समाज का निर्माण किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से दुनिया में निराशा का माहौल है, ऐसे में गीता के तत्व ज्ञान की आवश्यकता है और तभी विश्व में शांति स्थापित हो सकती है। गीता देश ही नहीं विश्व का मार्गदर्शन करने वाला ग्रंथ है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को गीता के संदेश को अपने आचरण में ढालना जरूरी है।

गीता एक आदर्श व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित करती है और एक-दूसरे से जुड़ना सिखाती है। इस मौके पर प्रतिभागी विद्यार्थियों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से उन्हें देश की संस्कृति के बारे में पता चलता है। ऐसे में इस प्रकार के आयोजनों का समय-समय पर होना जरूरी है। भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं एवं गीता में दिए उपदेशों पर आधारित प्रस्तुतियों ने दर्शकों को खूब लुभाया।

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