जापानी वैज्ञानिक चांद पर एक 1,300 फीट की संरचना बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे आखिरी रूप तक पहुंचने में 100 साल लगेंगे।
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टोक्यो, 15 जुलाई। सोचिए आप ट्रेन में सवार हों और उद्घोषणा सुनें। आपको ट्रेन में बैठते ही सुनाई दे कि ‘टोक्यो स्टेशन पर आपका स्वागत है, अगला स्टेशन चांद है’। जी हां, ये हम नहीं कह रही हैं, बल्कि जापान ने धरती से चांद तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बनाई है।
चलों चांद की सैर पर!
जापान देश एक महापरियोजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत धरती से चांद तक बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। जापान के वैज्ञानिकों ने पहले इस बुलेट ट्रेन को चंद्रमा तक ले जाने की योजना बनाई है। अगर वैज्ञानिक जापान बुलेट ट्रेन को चंद्रमा तक ले जाने में सफल रहते हैं, तो इसका अगला चरण और अधिक महत्वाकांक्षी है। इसके बाद जापान मंगलग्रह तक बुलेट ट्रेन ले जाने की योजना बना रहा है।
मंगलग्रह पर ग्लास हैबिटेट बनाने पर विचार
इसके साथ ही जापान मंगल ग्रह पर ग्लास हैबिटेट बनाने पर भी विचार कर रहा है। जिसके तहत जापान मंगल पर पृथ्वी जैसा कृत्रिम वातावरण बनाएगा। इसके बाद इंसान वहां रह सकेंगे और उनपर मंगल के वातावरण का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। दरअसल कम गुरुत्वाकर्षण वाले स्थानों पर इंसानों की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस कृत्रिम वातावरण में इसी समस्या का समाधान खोजा जाएगा।
प्रोजेक्ट पर लगेंगे 100 साल
वहीं इस परियोजना पर काम कर रहे क्योटो विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि स्पेस बुलेट ट्रेन के लिए हेक्सागॉन स्पेस ट्रैक सिस्टम नाम की प्रणाली तैयार की जाएगी। शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि ये स्पेस ट्रेन पृथ्वी, चंद्रमा और मंगल के बीच यात्रा करते समय अपना गुरुत्वाकर्षण पैदा करेगी। कृत्रिम वातावरण निर्माण परियोजना को जापानी शोधकर्ताओं ने ‘द ग्लास’ नाम दिया है। जापानी वैज्ञानिक चांद पर एक 1,300 फीट की संरचना बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे आखिरी रूप तक पहुंचने में 100 साल लगेंगे।