उत्तराखंड में चारधाम यात्रा इस समय चरम पर है.वहीं, चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित हो गई है. बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को दोपहर 3:35 मिनट पर शुभ मुहूर्त में बंद होंगे. वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्तूबर को अन्न कूट पर्व पर शीतकाल के लिए 12ः01 मिनट पर बंद होंगे. यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्तूबर को भाई दूज के पावन पर्व पर 12 बजकर 09 मिनट पर सर्व सिद्धि योग, और अभिजीत मुहूर्त में बंद होंगे. उधर केदारनाथ धाम के कपाट भी भाई दूज के पावन पर्व पर 27 अक्तूबर को बंद कर दिए जाएंगे.तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि भैया दूज पर्व की तिथि 26 अक्टूबर शाम से शुरू होकर 27 अक्टूबर दोपहर 12:00 बजे तक है इसलिए धामों के कपाट 27 अक्तूबर को ही बंद किए जाएंगे.
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तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं
इस बार तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. केदारनाथ धाम के कपाट छह मई और बदरीनाथ के आठ मई को खुले थे. कपाट खुलने के दिन ही केदारनाथ धाम में 20 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे, जिससे इंतजाम भी कम पड़े गए थे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय की थी.ऋषिकेश, हरिद्वार में पंजीकरण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. मानसून के कारण चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई, लेकिन अब मानसून सीजन खत्म होने के बाद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.
यात्रा के लिए यहां करें पंजीकरण
हरिद्वार में राही होटल, रेलवे स्टेशन, चमोली में पाखी, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, गोविंदघाट, जोशीमठ, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग, फाटा, गौरीकुंड, जानकी चट्टी, हिना, गंगोत्री, यमुनोत्री, दोबाटा में पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं.