प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं से कहा कि वो विदेश मंत्रालय और पुलिस विभाग सहित देशभर में स्थित सिविल सेवा से जुड़े तमाम प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षुओं को हर सप्ताह एक से डेढ़ घंटे का समय निकालकर वर्चुअल माध्यम से अपने अनुभव साझा करें।
Updated Date
नई दिल्ली, 21 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को सिविल सेवा दिवस पर राष्ट्र प्रथम के मंत्र को दोहराते हुए कहा कि हम देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं कर सकते।
दूसरे लक्ष्य- आज हम कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है।
मैं तीसरे लक्ष्य की बात करूं तो ये एक प्रकार से मैं दोहरा रहा हूं… व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी prime responsibility है देश की एकता और अखंडता। pic.twitter.com/LbXgjnFzJZ
— BJP (@BJP4India) April 21, 2022
हमारे सभी प्रयास राष्ट्र प्रथम और भारत प्रथम से जुड़े होने चाहिए- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी विज्ञान भवन में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए 16 अधिकारियों को प्रधानमंत्री पुरस्कार देने के बाद संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में कई विचारधाराएं हो सकती हैं, लेकिन हमें हमेशा देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना है। देश की एकता को ध्यान में रखते हुए ही फैसले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम के मंत्र के साथ राष्ट्र का सद्भाव और अखंडता बनाए रखें। हमारे सभी प्रयास राष्ट्र प्रथम और भारत प्रथम से जुड़े होने चाहिए।
हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते।
इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों में, परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30 -40 साल चले जाते होंगे, तो चलता होगा।
लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल पल के हिसाब से चलना पड़ेगा। pic.twitter.com/3MeLzV0vxu
पढ़ें :- केंद्र सरकार गरीबों को उजाड़ने को तत्पर, मोदी झुग्गीवासियों को करना चाहते हैं बेघरः आप
— BJP (@BJP4India) April 21, 2022
हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता- पीएम
सिविल सेवकों को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए 3 लक्ष्य देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं और हमारे सामने 3 लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए। पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए, उसके जीवन में सुगमता आए और उसे इसका एहसास भी हो। उन्होंने कहा कि दूसरे लक्ष्य है कि आज हम कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने तीसरे लक्ष्य को लेकर कहा कि व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता-अखंडता है।
उनकों सबकों स्मरण करना, उनका सम्मान करना, ये भी आजादी के अमृत काल में सिविल सर्विस को ऑनर करने वाला विषय बन जायेगा।
– पीएम श्री @narendramodi
पढ़ें :- रामलला की प्राण प्रतिष्ठाः मोदी ने कहा - 22 जनवरी को सभी लोग अपने घरों में जलाएं श्रीराम ज्योति, मनाएं दीपावली
— BJP (@BJP4India) April 21, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की महान संस्कृति की ये विशेषता है कि हमारा देश राज व्यवस्थाओं और राज सिंहासनों से नहीं बना है। उन्होंने कहा कि जन सामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की हमारी हजारों साल की परंपरा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव में जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है ऐसे में ये आयोजन विशेष है।
भारत की संस्कृति की ये विशेषता है कि हमारा देश राज्य व्यवस्थाओं से नहीं बना है।
हमारा देश राजसिंहासनों की बपौती नहीं रहा है।
ये देश सदियों से, हजारों वर्ष के लंबे कालखण्ड से हमारी जो परंपरा रही है, वो जनसामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की परंपरा रही है। pic.twitter.com/k4Ethsk3md
— BJP (@BJP4India) April 21, 2022
पढ़ें :- पीएम मोदी का अयोध्या दौराः हवाई अड्डे से लेकर रेलवे स्टेशन तक बस राम ही राम, पूरा वातावरण हुआ भक्तिमय, आठ ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी
प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं से कहा कि वो विदेश मंत्रालय और पुलिस विभाग सहित देशभर में स्थित सिविल सेवा से जुड़े तमाम प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षुओं को हर सप्ताह एक से डेढ़ घंटे का समय निकालकर वर्चुअल माध्यम से अपने अनुभव साझा करें। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक सप्ताह ऐसे दो पुरस्कृत अधिकारियों से चर्चा होगी तो आने वाली नई पीढ़ी के अधिकारियों को उनके अनुभवों से काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करना अधिकारियों को लिए भी लाभप्रद होगा और वे इससे जुड़े रहेंगे।
इसी तरह राज्यों में जो चीफ सेक्रेटरी के रूप में कार्य करके गए हैं, एक बार राज्य के मुख्यमंत्री उन सबकों बुला लें।
देश के प्रधानमंत्री , जितने भी कैबिनेट सेक्रेटरी रहे हैं उनकों बुला लें।
– पीएम श्री @narendramodi
— BJP (@BJP4India) April 21, 2022
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मैं चाहूंगा कि आजादी के इस अमृत काल में आप अपने डिस्ट्रिक्ट में जो पहले कलेक्टर के रूप में काम करके गए हैं, एक बार अगर हो सके तो उनका मिलने का कार्यक्रम बनाइये। आपके पूरे जिले के लिए वो एक नया अनुभव होगा। इसी तरह राज्यों में जो चीफ सेक्रेटरी के रूप में कार्य करके गए हैं, एक बार राज्य के मुख्यमंत्री उन सबकों बुला लें। देश के प्रधानमंत्री, जितने भी कैबिनेट सेक्रेटरी रहे हैं उनकों बुला लें।