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Jharkhand : नए विधानसभा व हाईकोर्ट भवन के निर्माण की गड़बड़ी पर सीएम के न्यायिक जांच के आदेश के बाद भी हो रही देरी

By इंडिया वॉइस 

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झारखंड, 16 जून 2022। झारखंड में एक के बाद एक घोटालों का खुलासा होता जा रहा है। झारखंड विधानसभा के नए भवन व निर्मणाधीन हाईकोर्ट में हुई अनियमितताओं की न्यायिक जांच एक महीने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। 17 मई को सीएम सोरेन ने इस दोनों ही भवनों के निर्माण में हुई अनियमितताओं व भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच के आदेश दिये थे। सीएम के आदेश के बाद मामले से जुड़ी फाइल महाधिवक्ता के पास भेजी गई थी, लेकिन उस पर आगे की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले की न्यायिक जांच के लिए न्यायधीश के नाम को तय नहीं किया है। जिसकी वजह से जांच में देरी हो रही है।

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राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो को सीएम ने इन दोनों ही भवनों के निर्माण में हुई अनियमितताओं की जांच के कराने के आदेश दिये थे।

इस मामले को समझें 

सीएम बनने के बाद हेमंत सोरेन ने पिछले वर्ष जुलाई में ही झारखंड के निर्माणाधीन हाईकोर्ट व विधानसभा भवन में हुई गड़बड़ी की जांच एसीबी से कराने की बात को कही थी। इसके बाद भी भवन निर्माण विभाग में इस मामले से जुड़ी फाइल बनाने में देरी हुई। इसी वर्ष जनवरी में राज्य के मुख्यसचिव ने मामले की फाइल सीएम को भेजते हुए पर यह लिखा कि प्रशासनिक स्वीकृति के अलावा सभी प्रक्रियाओं की जांच सीबीआई से कराई जा सकती है। इस फाइल को जनवरी में ही अनुमोदित किया गया था, लेकिन उसके बाद भी ये सीएमओ में ही अटकी रही। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइल पर सीएम ने न्यायिक जांच के आदेश पर अप्रैल 2022 की तारीख लिखी गई है।

गड़बड़ी का लगा आरोप

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पूर्व के सीएम रघुबर दास के कार्यकाल में विधानसभा भवन का निर्माण किया गया था। इसकी प्राकलन लागत 420.19 करोड़ से कम करते हुए 323 करोड़ में टेंडर पास किया गया। इसके बाद दस प्रतिशत कम में ये काम आरकेएस संस्था को दे दिया गया। हालांकि विधानसभा भवन के डिजाइन व कई तरह के बदलाव के बाद इसे 465 करोड़ से अधिक राशि में तैयार किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने सिंतबर 2019 में इसका उद्घाटन किया था। कुछ इसी तरह की गड़बड़ियां झारखंड हाईकोर्ट के निर्माण में भी देखने को मिल रही है। इसका टेंडर 265 करोड़ में फाइनल किया गया है। लेकिन बाद में इसकी लागत की राशि बढ़ती चली गई और अब वो 697 करोड़ तक पहुंच गई है। फिलहाल हाईकोर्ट का निर्माण कार्य रोक दिया गया है। हाईकोर्ट में इससे संबंधित जनहित याचिका दायर की गई।

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