शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि अयोग्य करार देने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
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नई दिल्ली, 15 मार्च। पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव को दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 दिनों के अंदर दिल्ली का सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने ये आदेश केंद्र सरकार की मांग पर सुनवाई करते हुए दिया है।
2017 में याचिका दायर कर अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी
24 फरवरी को हाईकोर्ट ने शरद यादव को नोटिस जारी किया था। केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें शरद यादव को सरकारी आवास में रहने की छूट दी गई थी। वहीं शरद यादव ने 2017 में याचिका दायर कर अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी। फिलहाल वो याचिका अभी लंबित है। शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि अयोग्य करार देने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया।
वहीं शरद यादव की दलील का जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद ने विरोध करते हुए कहा था कि शरद यादव ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है। शरद यादव और राज्यसभा सांसद अली अनवर को 4 दिसंबर, 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़कर जब बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तो शरद यादव विपक्षी दलों के साथ चले गए थे। इसके बाद जदयू ने राज्यसभा के सभापति से मांग की कि शरद यादव और अली अनवर ने खुद ही पार्टी छोड़कर विपक्षी दलों के कार्यक्रम में जाना शुरू कर दिया है, इसलिए उनकी राज्यसभा सदस्यता खत्म की जाए।