हिमाचल में प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपा रखा है। सूबे में दो हजार से ज्यादा रूट बंद रहे। कांगड़ा जिले में बाढ़ के हालत हैं। वायु सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से ज्यादा लोगों को बचाया है।
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शिमला। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपा रखा है। सूबे में दो हजार से ज्यादा रूट बंद रहे। कांगड़ा जिले में बाढ़ के हालत हैं। वायु सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से ज्यादा लोगों को बचाया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने पोंग जलाशय की बाढ़ग्रस्त निचली धारा में चल रहे प्रयासों और अन्य राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने डमटाल और शेखपुरा में राहत शिविरों में लोगों से बातचीत की।
पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। सीएम ने राज्य के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ से हुई जान-माल के नुकसान पर भी चिंता जताई। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में शरण लिए हुए लोगों की उचित देखभाल की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्यों के लिए भोजनालयों और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार करने का भी निर्देश दिया। पिछले तीन दिनों में बारिश से मरने वालों की संख्या 71 आंकी गई है।
बारिश से अब तक 71 लोगों की गई जान
बताया जाता है कि 13 से 15 अगस्त तक लगातार बारिश ने कुल 71 लोगों की जान ले ली है, जबकि इस मानसून में वित्तीय नुकसान लगभग 7,500 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है। जुलाई के पूरे महीने की तुलना में 13,14 और 15 अगस्त को ज्यादा नुकसान हुआ। संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को शुद्ध नुकसान 7,500 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है।