Diwali Rangoli: दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है,इस दिन घर को रोशनी से सजाया जाता है,दिवाली के त्योहार पर रंग-बिरंग के रंगोली बनाकर माँ लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है,यह त्योहार बिना रंगोली के अधूरा सा लगता है, दिवाली का त्योहार बिना रंगोली के अधूरा लगता है.दिवाली पर तरह -तरह के घर में बहुत सुंदर-सुंदर डिजाइन की रंगोली बनाई जाती है,लेकिन दिवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा कब शुरू हुई ये भी जान लें.
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Diwali Rangoli:दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है,इस दिन घर को रोशनी से सजाया जाता है,दिवाली के त्योहार पर रंग-बिरंग के रंगोली बनाकर माँ लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है,यह त्योहार बिना रंगोली के अधूरा सा लगता है, दिवाली का त्योहार बिना रंगोली के अधूरा लगता है.दिवाली पर तरह -तरह के घर में बहुत सुंदर-सुंदर डिजाइन की रंगोली बनाई जाती है,लेकिन दिवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा कब शुरू हुई ये भी जान लें.
भगवान राम के आगमन पर अयोध्या में बनी थी रंगोली
लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम के लंका विजय के बाद, जब वे माता सीता के साथ 14 वर्षों का वनवास काट कर अयोध्या लौटे तब अयोध्या वासियों ने भगवान राम के स्वागत में पूरे अयोध्या में साफ-सफाई करके हर घर के आंगन में और अयोध्या के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई थी. सभी जगह डीप जलाकर सुसज्जित किया था, मान्यताओं के अनुसार तब से ही प्रत्येक वर्ष दीपावली पर घरों में रंगोली बनाने की परंपरा शुरू हुई.
महालक्ष्मी के स्वागत में बनाई जाती है रंगोली
हम सब दीपावली को रोशनी के त्योहार के रूप में जानते हैं, लेकिन दीपावली पर रंगोली बनाना भी उतना ही शुभ माना जाता है जितना दीपक जलाना. मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन माता लक्ष्मी हर घर जातीं हैं, इसलिए घर के मुख्य द्वार को आकर्षक और सुन्दर बनाने के लिए लोग अपने घरों में रंगोली बनाते है