नई दिल्ली । आजकल बड़ी संख्या में लोग नूडल्स, पिज्जा, समोसा, नान और मोमोज के रूप में धड़ल्ले से मैदे का सेवन कर रहे हैं। ज्यादातर स्ट्रीट फूड, जंक फूड और फास्ट फूड को बनाने के लिए मैदे का ही इस्तेमाल किया जाता है और लोग काफी मजे से खाते भी है। मैदा एक रिफाइंड आटा होता है, जिसे ‘सफेद जहर’ से कम कहना गलत नहीं होगा। मैदे से बनी चीजें खाने वाले लोग भी इस बात से वाकिफ हैं कि इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। लेकिन फिर भी वे खाते हैं, क्योंकि इससे बनने वाले फूड आइटम्स मसालेदार और स्वादिष्ट होते हैं। आइए जानते हैं मैदे को सेहत के लिए इतना खतरनाक क्यों माना जाता है।
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मैदे में होते हैं हानिकारक केमिकल्स
बता दें कि आजकल मैदा फैक्टरियों में बनाया जा रहा है। गहरा सफेद रंग देने के लिए बेंजॉयल पेरोक्साइड जैसे हानिकारक केमिकल्स से मैदे को ब्लीच किया जाता है। यही नहीं, बता दें कि मैदे को ज्यादा सॉफ्ट बनाने के लिए ‘एलोक्सन’ नाम का एक केमिकल डाला जाता है। जब आप ऐसे मैदे का सेवन करते हैं, तो ये केमिकल आपके शरीर में प्रवेश करके स्वास्थ्य को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाते हैं।
डाइजेस्ट होने में लगता है इतना वक्त
वैसे तो मैदे को डाइजेस्ट होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है। हालांकि अलग-अलग लोगों में इसका डाइजेशन टाइम अलग-अलग देखा जाता है। साबुत अनाज या हाई फाइबर वाले फूड आइटम्स की तुलना में मैदे जल्दी पच जाते हैं। मैदा को डाइजेस्ट होने में लगभग 2-4 घंटे लगते हैं।
क्या हैं नुकसान?
मैदा को मानव स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे खाने से शरीर को पोषण नहीं मिलता इसका सीधा प्रभाव इम्यूनिटी पर पड़ता है और अगर इम्यूनिटी कमजोर हो गई तो शरीर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकता है।