रिचर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि एक कप चावल का सेवन अगर बढ़ा भी दिया जाए, तो ग्लोबल ओबेसिटी की दर एक प्रतिशत ही बढ़ सकती है।
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दौड़ती भागती जिंदगी में समय की वजह से हम अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाते हैं। मोटापे की वजह से कई बीमारियों से हमें गुजरना पड़ता है मोटापा होने की वजह से हम जल्दी ही थके हुए महसूस करते हैं। हम एक्टिव नहीं रह पाते लोगों का मानना है कि चावल खाने से मोटापा होता है क्या ऐसा सच में है? चावल झटपट बनाने की एक प्रतिक्रिया है जो हमें कहीं भी जल्दी काम पर जाना होता है तो सबसे पहले दिमाग में खाने के लिए यहां आता है तो चावल जल्दी से पक जाते हैं और खाने में भी काफी आसान होता है। चावल को ज्यादा चबाना नहीं पढ़ता।
चावल खाने से ही मोटापा बढ़ता है, ऐसा मानना सही नहीं है। मोटापा बढ़ने की कई दूसरी वजह भी हो सकती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट बताती है कि चावल से मोटापा नही बढ़ता, क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। एक कप चावल में भी लगभग उतनी ही कैलोरी होती है, जितनी एक मीडियम साइज की रोटी में होती है।
रिचर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि एक कप चावल का सेवन अगर बढ़ा भी दिया जाए, तो ग्लोबल ओबेसिटी की दर एक प्रतिशत ही बढ़ सकती है। इसकी वजह यह है कि चावल खाने से चावल में मौजूद पौष्टिक तत्व जैसे फाइबर, न्यूट्रिएंट्स और प्लांट कंपाउंड की वजह से पेट भरा हुआ महसूस होता है और इससे ओवर ईटिंग से बचा जा सकता है, जिससे वजन बढ़ने से बचाने में सहायता मिल सकती है।
अकसर ऐसा माना जाता है कि चावल शरीर का फैट बढ़ाते हैं। जबकि इस अध्ययन में सामने आया है कि चावल में फैट भी कम होता है और यह ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी नियंत्रित रख सकता है। इससे इंसुलिन सीक्रेशन कम होता है। यह भी वजन नहीं बढ़ने की मुख्य वजह है।