इटावा सहकारी बैंक में हुए 24 करोड़ 18 लाख रुपये के गबन के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट में बैंक के 10 कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है
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इटावा। इटावा सहकारी बैंक में हुए 24 करोड़ 18 लाख रुपये के गबन के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट में बैंक के 10 कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है। मामले में उपमहाप्रबंधक की तहरीर पर 10 कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
इटावा ब्रेकिंग
जिला सहकारी बैंक में हुआ 24.18 करोड़ों का गमन
एसएसपी ने इस मामले पर दिया बयान
‘अधिकारी, कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ गबन’
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‘केस दर्ज कर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है’
‘पुलिस दोनों से कर रही है पूछताछ’
‘मुख्य अभियुक्त अखिलेश सहित अन्य लोग निलंबित’… pic.twitter.com/7JwyxiWOTW
— India Voice (@indiavoicenews) July 18, 2024
जांच कमेटी के अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक उमेश कुमार ने थाने में तहरीर देकर बताया कि नौरंगाबाद चौकी के पास कचहरी रोड पर स्थित जिला सहकारी बैंक की मुख्य शाखा में गबन की शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की गई थी। जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं कर धन का गबन पाया गया।
नौ जुलाई को जांच कमेटी के संयुक्त हस्ताक्षर से अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जांच में 24 करोड़ 18 लाख 66 हजार आठ सौ 65 रुपये का गबन व 72 लाख 30 हजार 13 रुपये अनियमितता पाई गई। गबन व अनियमितता में बैंक शाखा के कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई।
मामले में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी (निलंबित), वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मुख्यालय राजीव मिश्रा, सुनीता, अतुल प्रताप सिंह, नफीसुल जैदी, उपेंद्र कुमार, रिंकी, शिवांगी शुक्ला, अमित कुमार व रिंकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी
उपभोक्ताओं के रुपये सुरक्षित
जीएम ने बताया कि इस अनियमितता के बीच में कोई भी उपभोक्ताओं का नुकसान नहीं हुआ है। उपभोक्ताओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उनका धन सुरक्षित हैं। वहीं बताया कि आरोपियों से धनराशि की रिकवरी के लिए भी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके लिए एक मंडल स्तरीय अधिकारी तैनात किए गए हैं।
2018 का है मामला
जीएम दीपक गुप्ता ने बताया कि करण 2018 का है। 2023 में मामले की शिकायत होने पर पहले प्राथमिक जांच कराई गई थी। इसमें मामला सही पाए जाने और दो कर्मचारियों वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और कैशियर नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की शुरुआत से जांच कराई गई। अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए भी जल्द निर्णय लिया जाएगा।