चीन के अलावा कई देशों में कोविड-19 वायरस के नए रूप सामने आ रहे हैं। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, कोविड ऑमिक्रॉन XBB.1.5 वैरिएंट अमेरिका में तेजी से फैल रहा है। Insacog के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने दिसंबर में गुजरात में अपने पहले Omicron के XBB.1.5 मामले की पुष्टि की है।
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Covid-19: चीन के अलावा कई देशों में कोविड-19 वायरस के नए रूप सामने आ रहे हैं। चीन और जापान में ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट के कारण ही बिगड़े हैं हालात। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में ओमिक्रॉन के XBB.1.5 वैरिएंट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अमेरिका में इस समय के 40 फीसदी से अधिक कोरोना के मामलों के लिए इसी सब-वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। पिछले हफ्ते की तुलना में इस वैरिएंट के कारण संक्रमण की मामले दो दुना तक बढ़े हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ओमिक्रॉन के अब तक के सभी सब-वैरिएंट्स की तुलना में अधिक समस्याकारक हो सकता है।
इस बीच भारत में भी XBB.1.5 वैरिएंट से संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि की गई है। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकोग) की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में इस नए वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। जिस तरह से इसके कारण न्यूयॉर्क में हालात बिगड़ते देखे गए हैं, ऐसे खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत को भी विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
XBB.1.5 वैरिएंट के बारे में जानिए
अमेरिका का कई हिस्सों, विशेषकर न्यूयॉर्क में XBB.1.5 वैरिएंट से संक्रमण के कारण स्थिति बिगड़ने की खबरें हैं। वैज्ञानिकों ने शुरुआती अध्ययनों में पाया है कि यह XBB सब-वैरिएंट में हुए नए म्यूटेशन से उत्पन्न हुआ है जिसकी प्रकृति कई मामलों में चिंता बढ़ाने वाली है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज बताते हैं XBB.1.5 अपने फैमिली के अन्य के सदस्यों से अलग है क्योंकि इसमें एक अतिरिक्त म्यूटेशन देखा जा रहा है जो इसे कोशिकाओं से बेहतर ढंग से बाइंड करने में मददगार हो सकता है। ऐसे में यह अधिक संक्रामक होने के साथ शरीर में तेजी से बढ़कर गंभीर रोग विकसित कर सकता है।
पेकिंग विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक यूनलॉन्ग रिचर्ड काओ यह वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने में सफल हो सकता है, ऐसे में नए वैरिएंट को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
महाराष्ट्र के सर्विलांस ऑफिसर डॉ. प्रदीप आवटे ने कहा, “हमारे पास महाराष्ट्र में एक्सबीबी के 275 से अधिक मामले हैं. लेकिन एक्सबीबी.1.5 एक अन्य शाखा है और इसकी ट्रांसमिसिबिलिटी के बारे में बहुत कम जानकारी है. लेकिन एक्सबीबी वंशज होने के नाते, यह इंगित करता है कि इसके मूल संस्करण में केवल मामूली बदलाव है. फिर भी हम राज्य में इसके प्रवेश/प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं.” डॉ आवते ने कहा कि जिस तरह से एक सब-वैरिएंट अमेरिका में व्यवहार कर सकता है, वह प्रतिरक्षा और जातीयता जैसे कारकों के कारण भारत में इसके प्रभाव से भिन्न हो सकता है.