असम के डीजीपी पुलिसकर्मियों के आचरण को लेकर काफी सख्त हो गए हैं। डीजीपी ने कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी विभाग की छवि धूमिल करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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गुवाहाटी। असम के डीजीपी पुलिसकर्मियों के आचरण को लेकर काफी सख्त हो गए हैं। डीजीपी ने कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी विभाग की छवि धूमिल करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कहा कि पुलिसकर्मी जनता के साथ अच्छे से पेश आएं और उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान करें। असम पुलिस की लगातार कार्रवाई से रिश्वतखोरों और अन्य गंभीर आरोपों से घिरे पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।
असम पुलिस ने अपने चार कर्मियों को वित्तीय भ्रष्टाचार और यौन उत्पीड़न के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है। असम के डीजीपी जीपी सिंह आरोपी पुलिसकर्मियों की जानकारी ट्विटर पर भी डाल रहे हैं।
ताजा मामला मंगलवार का है, जब उन्होंने जानकारी दी कि नायक (यूबी) मियाचंद अली को विभागीय कार्रवाई के बाद बड़े कदाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। मियाचंद को पिछले साल रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था।
अन्य ट्वीट में डीजीपी ने कहा कि दो जुलाई को चार करोड़ रुपये का सोना हड़पने के आरोप में सब-इंस्पेक्टर निपू कलिता और तीन जुलाई को जीआरपी के कॉन्स्टेबल सरस्वती हासनू को बर्खास्त को किया गया है।
डीजीपी ने इसके एक हफ्ते पहले ट्वीट कर घोगरापार थाने के प्रभारी अधिकारी और इंस्पेक्टर बिमान रॉय को सेवा से बर्खास्त करने की जानकारी दी थी। बर्खास्त पुलिस अधिकारी बिमान रॉय पर आरोप है कि उसने घोगरापार थाने में नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया और पुलिस हिरासत में आपत्तिजनक तस्वीरें लीं।
इसके बाद से इंस्पेक्टर बिमान रॉय अभी भी फरार है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जो भी पुलिस स्टेशनों में नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित रखने के कर्तव्य का निर्वहन नहीं करेगा, उसे इसी तरह के परिणाम भुगतने होंगे।
डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि असम पुलिस की महिमा बरकरार रहे। इसके लिए मुझे दी गई अधिकतम शक्तियों का प्रयोग करूंगा।