मुंबई। लंबे समय से सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर फिल्म गदर 2 का इंतजार कर रहे दर्शकों का इंतजार 11 अगस्त को खत्म होने वाला है। ऐसे में गदर 2 के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने हाल ही में 2001 में रिलीज हुई गदर की तुलना फिल्म मुगल-ए-आजम और शोले से की है।
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उनका कहना है कि गदर 2 को दर्शकों का तो भरपूर प्यार मिला लेकिन साल 2001 में क्रिटिक्स ने उनकी फिल्म को गटर और कचरे का डिब्बा कह दिया था। लेकिन, फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर ऐसी कमाई की सबकी बोलती बंद हो गई।
उस वक्त गदर ने सभी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए बॉक्स-ऑफिस पर करीब 133 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था।सूत्रों के अनुसार अनिल शर्मा ने बताया कि गदर को उस समय के सभी क्रिटिक्स ने पिछड़ी हुई और बेकार फिल्म कहा था।
उन्होने कहा कि उन्हे इस तबात की बहुत खुशी है कि फिल्म हिट हुई थी और आडियंस ने गदर को सर आंखो पर लिया।लेकिन क्रिटिक्स ने इसे कभी नहीं सराहा।
आगे अनिल ने बताया कि अपने जमाने की क्लासिक फिल्मे मुगल-ए-आजम और शोले के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था जिन्हे क्रिटिक्स ने सिरे से नकार दिया था।लेकिन फिल्म के असली जज होते है दर्शक जो फिल्म की कहानी को महसूस कर फिल्म हिट करा देते है।
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अनिल ने कहा ये सच है इन फिल्मों ने अवॉर्ड नहीं जीते लेकिन लोगों का दिल पर राज किया है और आज भी इन फिल्मों को लीक से हटकर होने के लिए जाना जाता है।
लोगों को ऐसी फिल्में पसंद आईं और इनको वो इज्जत भी मिली जिसकी ये हकदार हैं।बता दे कि गदर 2 के सिनेमाघरों में आने से पहले ही 1 लाख से ज्यादा एडवांस टिकट्स की बुकिंग हो चुकी हैं।फिल्म ने एडवांस बुकिंग से ही करीब 10।11 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है।
फिल्म का पार्ट 2 पार्टीशन के 17 सालों बाद 1971 में भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के ईद गिर्द घूमता है।जिसमें तारा सिंह पाकिस्तानी आर्मी से अपने बेटे को बचाने लाहौर जाते हैं।