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गणपति पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए आसान स्टेप्स में पूजन विधि, मंत्र और आरती

गणेश उत्सव स्थापना के 5 मुहूर्त:सुबह 11.20 से दोपहर 1.20 तक सबसे अच्छा समय, 300 साल बाद आया हैं शुभ योग

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में कुल 6 शुभ मुहूर्त रहेंगे. सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा, क्योंकि इस वक्त मध्याह्न काल रहेगा, जिसमें गणेश जी का जन्म हुआ था.
गणेश जी की स्थापना और पूजा सुबह करनी चाहिए, समय नहीं मिल पाए तो किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में भी गणपति स्थापना की जा सकती है. वैसे भी इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही और लंबोदर योग भी है
गणपति पूजा से जुड़ी ध्यान रखने वाली बातें
1. गणेश जी की मूर्ति पर तुलसी और शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
2. दूर्वा और मोदक के बिना पूजा अधूरी रहती है.
3. गणपति के पसंदीदा फूल: जाती, मल्लिका, कनेर, कमल, चम्पा, मौलश्री (बकुल), गेंदा, गुलाब
4. गणपति के पसंदीदा पत्ते: शमी, दूर्वा, धतूरा, कनेर, केला, बेर, मदार और बिल्व पत्र
5. पूजा में नीले और काले रंग के कपड़े न पहनें.
6. चमड़े की चीजें बाहर रखकर पूजा करें और भगवान को अकेले कभी न छोड़ें.
7. स्थापना के बाद मूर्ति को इधर-उधर न रखें, यानी हिलाएं नहीं
गणेश मूर्ति स्थापना विधि-
1. सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें.
2. इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें.
3. भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें.
4. अब भगवान गणेश को स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें.
5. मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें.
6. भगवान गणेश की मूर्ति के दाईं ओर जल से भरा कलश रखें.
7. हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें.
8. गणेश जी के मंत्र ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें.
ॐ गं गणपतये नमः
यदि आपके जीवन में ढेर सारी परेशानियां हैं और आप उन सब समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं तो आप उपरोक्त मंत्र का जाप करें. भगवान गणेश का यह मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। इस मंत्र के जाप से भक्तों जल्द ही शुभ फल प्राप्त होगा.
गणेश जी को हल्दी, चावल, चंदन, गुलाब, सिंदूर, मौली, दूर्वा,जनेऊ, मिठाई, मोदक, फल, माला और फूल अर्पित करें. अब भगवान श्री गणेश के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा करें.पूजा में धूप दीप करते हुए सभी की आरती करें. आरती करने के बाद 21 लड्डुओं का भोग लगाए.

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