आधारकार्ड ने एक पुत्री को उसके माता-पिता से मिला दिया। लड़की ने जब आधारकार्ड अपडेट कराया तो उसके जिंदा होने का सबूत मिला। फिर क्या था, पुलिस वहां तक पहुंच गई और लड़की को बरामद कर लिया।
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भोपाल। आधारकार्ड ने एक पुत्री को उसके माता-पिता से मिला दिया। लड़की ने जब आधारकार्ड अपडेट कराया तो उसके जिंदा होने का सबूत मिला। फिर क्या था, पुलिस वहां तक पहुंच गई और लड़की को बरामद कर लिया।
मामला यह था कि 1 जून 2022 को 16 साल की लड़की ने परिवार को भेजा कि ‘मैं नर्मदा नदी में कूदकर जान देने जा रही हूं’। इसके बाद वह लापता हो गई। परिवार और पुलिस ने भी मान लिया था कि लड़की मर चुकी है। अब ठीक 9 महीने बाद यानी मई 2023 में आधारकार्ड अपडेट कराया तो सारी हकीकत सामने आ गई। पता चला कि लड़की जिंदा है। वह दोस्त के साथ असम के गुवाहाटी चली गई थी। भोपाल पुलिस ने उसे गुवाहाटी (असम) से बरामद किया। लड़के को भी पकड़ लिया है।
परिवार को गुमराह करने के लिए किया था मैसेज
पता चला कि परिवार को गुमराह करने के लिए उसने मैसेज किया था। 9 महीने बाद लड़की की मां के पास आधार अपडेट कराने का मैसेज आया। दरअसल, लड़की नाबालिग है। लड़की ने आधार में उम्र अपडेट कराने के लिए प्रोसेस की थी, लेकिन आधार में मां का मोबाइल नंबर लिंक था। ऐसे में अपडेशन से जुड़ा मैसेज मां के मोबाइल पर आ गया। लड़की की मां ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
आधार में मां का नंबर था लिंक
पुलिस ने लोकेशन ट्रैस की, तो गुवाहाटी (असम) की निकली। लड़की ने पुराने सिम को तोड़ दिया था। नए सिम को मोबाइल में लगाकर आधार अपडेट कराने की कोशिश की, लेकिन आधार में मां का नंबर लिंक था। भोपाल पुलिस गुवाहाटी पहुंची।
वहां से लड़की के साथ युवक को पकड़ा गया। उसकी पहचान कुशहांवाड, बलिया (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले मनीष तिवारी (32) के रूप में हुई। लड़की ने बताया कि वह स्टार मेकर ऐप पर रील बनाती थी। इसी प्लेटफॉर्म पर उसकी मुलाकात मनीष से हुई। दोनों वॉइस चैट पर बात करने लगे। मनीष ने उसे प्रपोज किया।