Gujarat Riots : कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में गुजरात दंगों में एसआईटी द्वारा नरेंद्र मोदी को क्लीन चीट देने के विरोध में याचिका दायर की थी।
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नई दिल्ली, 24 जून 2022। वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को गठित किया गया था। इस दल ने उस समय के गुजारत के मुख्यमंत्री रहें नरेंद्र मोदी को क्लीन चीट दे दी थी। इस रिपोर्ट के विरोध में कांग्रेस के दिवंगत पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे गुजरात के तत्कालीन सीएम और वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने इस फैसले को सुनाया। इस याचिका पर पहले 9 दिसंबर 2021 को सुनवाई हुई थी, उस समय फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। गुजरात में हुए गोधरा कांड पर एसआईटी ने रिपोर्ट में बाद में हुए सांप्रदायिक दंगे भड़काने में किसी भी तरह की साजिश से इंकार किया था। एहसान जाफरी वर्ष 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में भड़की हिंसा का शिकार हो गये थे, और उनकी मृत्यु हो गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी एसआईटी की ओर से अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को जाकिया जाफरी की याचिका पर गुजरात हार्च कोर्ट की फैसले का समर्थन करना चाहिए।
ट्रेन में आग लगने के बाद भड़के थे दंगे
वर्ष 2012 के फरवरी माह में एसआईटी ने गुजरात दंगों से जुड़ी अपनी रिपोर्ट को क्लाेज कर दिया था। इस रिपोर्ट में तत्कालीन सीएम मोदी व अन्य सरकारी अधिकारियों व 63 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कोई मुकदम चलाने योग्य सबूत नहीं मिला है। गोधरा में साबरमीत एक्सप्रेस में आग लगाए जाने के एक दिन बाद भड़की हिंसा में पूर्व सासंद एहसान जाफरी भी मारे गए थे।