गाजीपुर। मुख्तार अंसारी और उसके आधा दर्जन से ज्यादा सहयोगियों पर गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में 23 साल पुराने मनोज राय हत्याकांड में पुलिस की चार्जशीट के बाद अब 20 नवंबर को सुनवाई होगी। 10 नवंबर को बहस होनी थी लेकिन मुख्तार अंसारी के साथ सहआरोपी सरफराज मुन्नी की तरफ से एडजॉर्नमेंट स्थगन की याचिका शुक्रवार को जज के समक्ष दी गई।
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उसने जज के सामने गुहार लगाई है कि इस वारदात में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है, जबकि पुलिस की चार्जशीट में मृतक मनोज राय के पिता ने मुख्तार अंसारी के साथ सरफराज मुन्नी, अफरोज, जफर चंदा के साथ 10 लोगों को नामजद किया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। जबकि दो आरोपी पहले से ही सरकारी अभिलेखों में भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं।
ऐसे में मनोज राय हत्याकांड में 10 नवंबर को मुख्तार समेत सभी आरोपियों पर आरोप तय होने थे, लेकिन अदालती दांवपेच के चलते सरफराज मुन्नी के स्थगन याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई कर अगली तारीख 20 नवंबर डाली है।
जुलाई 2001 में उसरीचट्टी कांड का मामला
सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि जुलाई 2001 में उसरीचट्टी कांड हुआ था, जिसमें मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और उनके सहयोगियों के ऊपर मोहम्दाबाद कोतवाली में एफआईआर कराई थी।
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इस कांड में मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर, एक सहयोगी और एक अज्ञात शख्स की मौत हुई थी। जिसमें तीसरा अज्ञात शख्स हमलावर बताया गया था। जिसकी शिनाख्त मनोज राय निवासी बक्सर (बिहार) के रूप में हुई थी।
मृतक मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने भी घर से मनोज राय को मुख्तार अंसारी द्वारा इस घटना से एक दिन पहले बुलाकर मार देने का आरोप लगाया है, जिसमें एमपी-एमएलए कोर्ट गाजीपुर में यह मुकदमा चल रहा है और आगामी 20 नवंबर को इसमें जज साहब मामले को सुनकर आरोप तय करने की कार्रवाई करेंगे।