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Corona से बचाव के लिए काढ़ा बनाते समय न करें ये 5 गलतियां, हो सकती है बड़ी मुश्किल

कोरोना से बचाव के लिए लोग कई तरह के काढ़े बनाकर पीते हैं। लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक काढ़ा बनाते समय अक्सर लोग कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिससे उनके शरीर पर वितरीत प्रभाव होने लगते हैं। काढ़े में मिलाए जाने वाली चीजों का यदि सही मात्रा में इस्तेमाल न किया जाए तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं। 

By Vikas Arya 

Updated Date

नई दिल्ली, विकास आर्य। किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत होना बेहद जरूरी है। सदियों से हमारी दादी-नानी अपने घरेलू नुस्खों की मदद से काढ़े तैयार कर हमारी इम्यूनिटी को दुरुस्त करती आईं हैं। घर पर बने काढ़े सही मायने में हमें अंदरुनी शक्ति प्रदान करते हैं। लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि यदि काढ़ा बनाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान नहीं रखा गया तो ये हमारे शरीर पर बुरा असर भी डाल सकते हैं। उनके मुताबिक काढ़े में उपयोग की जानी वाली चीजों को यदि सही मात्रा में ना मिलाया जाए तो ये गुणकारी होने की जगह उल्टा असर कर सकते हैं।

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  • मौसम, आयु और स्वास्थ्य के अनुसार बनाए काढ़ा
    विशेषज्ञों की मानें तो लोगों को अपनी आयु, स्वास्थ्य की स्थिति और मौसम के अनुसार ही काढ़ा बनाना चाहिए। जिन लोगों को गर्मी अधिक लगती है यदि वह नियमित काढ़ा पीने लगते हैं तो इससे उनके शरीर में गर्मी का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से उनको नाक से खून आने, एसिडिटी होना, मुंह में छाले, पेशाब में जलन व पाचन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

 

  • वस्तुओं की प्रकृति पर दें ध्यान
    काढ़ा बनाते समय अक्सर दालचीनी, गिलोय, हल्दी, काली मिर्च, अश्वगंधा, सोंठ व इलयाची का उपयोग किया जाता है। आपको बता दें कि ये सभी चीजे शरीर में गर्मी उत्पन्न करती है। काढ़ा पीने से शरीर में तापमान का स्तर बढ़ता है और नाक से खून आने व एसिडिटी की समस्या होना आम बात बन जाती है।

 

  • वस्तुओं की मात्रा पर दें ध्यान
    काढ़ा बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल करते हैं उनकी प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उनकी मात्रा संतुलित रखें। यदि आपको काढ़ा पीने के बाद बैचेनी होने लगे या कोई समस्या होने लगे तो ऐसे में आप काढ़े में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे दालचीनी, अश्वगंधा, काली मिर्च व सोंठ की मात्रा को कम कर दें।

 

  • अपने शरीर पर दें ध्यान
    आयुर्वेद के अनुसार लोगों का शरीर वायु, कफ व पित्त तीन प्रकृति का होता है। जब इनका संतुलन खराब होता है तो व्यक्ति बीमारी की चपेट में आने लगता है। सर्दी या जुकाम से परेशान रहने वाले लोगों के लिए काढ़ा फायेदमंद साबित होता है। लेकिन यदि किसी को पित्त की समस्या है तो ऐसे लोगों को काढ़े में सोंठ, दालचीनी व काली मिर्च का इस्तेमाल करते समय खास सावधानी बरतनी चाहिए।

 

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  • कम मात्रा में पिएं काढ़ा
    यदि आपको काढ़ा नियमित रूप से नहीं पीना है तो आप उसको कम मात्रा में भी ले सकते हैं। इसके लिए आप काढ़ा बनाते समय जितने पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं उसे गैस पर रखकर तब तक उबाले जब तक की वह आधा ना रह जाए। इसके बाद आप उसको हल्का ठंडा करके पी सकते हैं।

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