हाथरस कांड में गठबंधन वाली सपा - कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर है। लेकिन भोले बाबा पर एक्शन को लेकर कांग्रेस और सपा अलग अलग सुर अलाप रही है।
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लखनऊ। हाथरस कांड में गठबंधन वाली सपा – कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर है। लेकिन भोले बाबा पर एक्शन को लेकर कांग्रेस और सपा अलग अलग सुर अलाप रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने जहां संसद में ऐसे बाबाओं के खिलाफ सख्त कानून लाने की मांग की है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हरि नारायन साकार बाबा को क्लीन चिट मिलने से सरकार पर उसे बचाने का इल्जाम लगा रहे है। लेकिन हैरानी की बात है की उनके सहयोगी दल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयानों से साफ है की वह बाबा का बचाव चाहते है। बाबा की गिरफ्तारी के सवाल पर अखिलेश ने भड़कते हुए कहा किस बाबा को गिरफ्तार करें दो बाबा है। इतना ही नहीं दोबारा जब इस पर सवाल हुआ तो बोले इस बहस को आगे न बढ़ाइए। इतना ही नहीं पार्टी के प्रधानमहासचिव रामगोपाल यादव और महासचिव शिवपाल यादव के बयान भी बाबा को क्लीन चिट देते नजर आ रहे है। अब सवाल है की पहले ही भोले बाबा को शरण में जा चुके अखिलेश उनसे सियासी लाभ लेने के लिए चुप है। या फिर कारण कुछ और है। आपको बता दें की मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद जैसे यादव लैंड समेत पश्चिम के कई जिलों में बाबा की दलित और ओबीसी समाज में अच्छी पैठ है। भक्त उन्हें भगवान मानते है। ऐसे में अखिलेश के बयान के पीछे सियायत साफ झलक रही है। हालांकि बाबा को लेकर कांग्रेस का स्टैंड अलग है।