दिल्ली मेट्रो के लिए केंद्र सरकार के साथ दिल्ली सरकार भी 50% फंड देती है। ऐसे में उसके नई लाइन के उद्घाटन में प्रधानमंत्री का अकेले जाना और दिल्ली के मुख्यमंत्री को न बुलाना दुर्भावनाग्रसित सोच को दर्शाता है।
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नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के लिए केंद्र सरकार के साथ दिल्ली सरकार भी 50% फंड देती है। ऐसे में उसके नई लाइन के उद्घाटन में प्रधानमंत्री का अकेले जाना और दिल्ली के मुख्यमंत्री को न बुलाना दुर्भावनाग्रसित सोच को दर्शाता है।
केजरीवाल को नहीं बुलाना मोदी की छोटी सोच
इस बाबत आप नेता व दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि डीएमआरसी जैसे संस्था के उद्घाटन के लिये जहां दिल्ली सरकार का भी पैसा लगा है, उसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री को नहीं बुलाना छोटी सोच को दर्शाता है। मोदी जी सिर्फ़ भाजपा के नहीं पूरे देश के प्रधानमंत्री है और ऐसे में जब मोदी जी मात्र दो किलोमीटर की मेट्रो लाइन के उद्घाटन के लिए भी अकेले जाते हैं तो ये प्रधानमंत्री पद की गरिमा को शोभा नहीं देता।
दिल्ली मेट्रो, केंद्र और दिल्ली सरकार का ज्वाइंट वेंचर
आप नेता आतिशी ने कहा कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली मेट्रो के 2 किमी के एक लाइन का उद्घाटन किया। ये मेट्रो लाइन द्वारका सेक्टर-21 से यशोभूमि तक जाती है। हमें इस बात का बेहद दुख है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली मेट्रो के इस लाइन के उद्घाटन के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को बुलाना भी ठीक नहीं समझा। जबकि दिल्ली मेट्रो, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का ज्वाइंट वेंचर है।
उन्होंने कहा कि जिस दिन से डीएमआरसी बना है, उसमें आधा पैसा केंद्र सरकार का तो आधा पैसा दिल्ली सरकार का लगता है। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के समन्वय से ही दिल्ली मेट्रो जैसा शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर दिल्ली में खड़ा हुआ है। जो व्यक्ति दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में से है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की सरकार चला रहे हैं। वो सिर्फ़ दो किलोमीटर की मेट्रो लाइन के उद्घाटन के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को नहीं बुला सके।