देवघर, 11 अप्रैल। झारखंड के देवघर जिले में स्थित त्रिकुट पर्वत पर रोपवे से सफर के दौरान फंसे हुए लोगों में सोमवार शाम 6 बजे तक 32 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। इस हादसे में 2 लोगों की जान चली गई। इनमें एक महिला की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक व्यक्ति की मौत हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट के दौरान स्लिप होकर हुई है। अंधेरा होने के कारण सोमवार का रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है। अब भी करीब 15 लोग फंसे हुए हैं जिनके बचाव के लिए मंगलवार सुबह से अभियान चलाया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हादसे पर कहा कि त्रीकुट पहाड़ पर हुई घटना और इसमें हुई मौतों पर मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी।
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त्रिकुट पर्वत पर रोपवे सफर के दौरान फसे हुए लोगों को एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी एवं स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा हैं। आज कुल 32 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका हैं। आज और कल मिलाकर कुल 02 लोगों की मृत्यु हुई है।@HemantSorenJMM @mbhajantri pic.twitter.com/zna4Jy3D04
— DC Deoghar (@DCDeoghar) April 11, 2022
वहीं वायुसेना और NDRF ने सोमवार दोपहर 12 बजे MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था। युद्ध स्तर पर चलाए गए अभियान के दौरान एक व्यक्ति की हेलीकॉप्टर से गिरकर मौत हो गई। रविवार को बचाए गए लोगों में सोमवार को पथरड्डा, सारठ निवासी सुमंती देवी (40) की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची समेत 3 की हालत बेहद गंभीर है। घायलों में अधिकांश लोग बिहार के हैं।
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देवघर त्रिकुट रोपवे में 30 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है 2 लोगों की मृत्यु हो चुकी है रेस्क्यू अंधेरे के कारण रोक दिया गया है ,इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी हताहतों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। हमारी सरकार इनके लिए हरसंभव मदद करेगी pic.twitter.com/B5lhRCce66
— Hafizul Hassan (@hafizulhasan001) April 11, 2022
उधर रोपवे हादसे पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा सरकार को देना चाहिए। रघुबर दास ने राज्य सरकार को ‘लापरवाह’ करार दिया।
रोपवे के UTP स्टेशन का रोलर रविवार को अचानक टूट
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बतादें कि देवघर जिले के त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर बने रोप-वे के UTP स्टेशन का रोलर रविवार को अचानक टूट गया। इसके बाद रोप-वे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में 7 फीट नीचे लटक गयीं। सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें 5 लोग सवार थे। स्थानीय लोगों और रोप-वे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे 5 लोगों को बाहर निकाला। हादसे के दौरान ट्रॉलियों में 48 लोग फंसे थे, जिन्हें सुरक्षित निकालने में भारतीय वायुसेना, NDRF समेत अर्द्धसैनिक बलों की टीम सोमवार को दिन भर जुटी रही। NDRF की टीम ने रविवार की रात रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करके 12 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया था। रात होने की वजह से ऑपरेशन बंद करना पड़ा था। सोमवार सुबह से ITBP और NDRF के साथ वायु सेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुई। वायु सेना ने दो MI-17 हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्य में लगाया, जहां 48 लोग दुर्घटना के कारण रोपवे ट्रॉली में फंसे थे। वायु सेना के हेलीकॉप्टर से हवा में लटके लोगों तक बिस्किट और पानी के पैकेट पहुंचाए गए। फंसे हुए लोगों को निकालने में तेज हवा चलने की वजह से दिक्कतें आईं।