लखीमपुर खीरी मामले में कोर्ट ने खारिज की आशीष मिश्रा को आरोप मुक्त करने की अर्जी। उनपर चार किसानों और एक पत्रकार को अपने वाहन से कुचलने का आरोप है।
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Lakhimpur Kheri case: जूनियर होम मिनिस्टर अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कथित रूप से किसानों पर एसयूवी चलाने का मुकदमा दर्ज था। लखीमपुर खीरी मामले में अदालत ने आज उनकी और अन्य आरोपियों की मामले से हटने की अपील खारिज कर दी। अदालत कल सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करेगी।
आपको बता दें कि, आशीष पर चार किसानों और एक पत्रकार को अपने वाहन से कुचलने का आरोप है. पिछले साल 3 अक्टूबर को, कथित तौर पर महिंद्रा थार चला रहे आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक विरोध मार्च के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया. उन्हें कुछ दिनों बाद ही गिरफ्तार किया गया था. पुलिस और प्रशासन पर जांच में धीमी गति का आरोप लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में अदालत ने जांच के आदेश दिए थे.
बता दें, पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे. यह हिंसा तब हुई थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक वाहन जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे, उसने चार किसानों को कुचल दिया था. घटना के बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस दौरान हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच पर निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर जज राकेश कुमार जैन की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया था.