कोडरमा की बेटी काजल 21 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएन के मंच पर बाल मजदूरी के खिलाफ उठाई आजवाज,कहा कभी खुद बाल मजदूर का झेली है दंश. काजल ने अंतरराष्ट्रीय मंच से वैश्विक नेताओं के सामने बाल मजदूरों की बताई पीड़ा
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कोडरमा की बेटी काजल के लिए 21 सितंबर का दिन यादगार बन गया. काजल न्यूयॉर्क में यूएन के मंच पर खड़ी थी. कभी बाल मजदूरी का दंश झेलनी वाली काजल इस मंच पर वैश्विक नेताओं के सामने बाल मजदूरों की पीड़ा बता रही थी. इस प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही थी.संयुक्त राष्ट्र की ओर से आयोजित ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन समिट में काजल को भी बोलने का मौका मिला था.
कोडरमा के डोमचांच की 20 वर्षीया काजल ने कहा कि बालश्रम और बाल शोषण के खात्मे में शिक्षा की अहम भूमिका है. बच्चों को शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर देने होंगे. इसके लिए वैश्विक नेताओं को आर्थिक रूप से प्रयास करना चाहिए. नोबेल विजेताओं और वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए काजल ने बालश्रम, बाल विवाह, बाल शोषण और बच्चों की शिक्षा को लेकर अपनी बात रखी.
कोडरमा जिले के डोमचांच गांव में एक बाल मजदूर के रूप में काजल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा,यह बच्चों के कोमल मन और आत्मा पर कभी न भूलने वाले जख्म देते हैं.’बचपन में काजल, कोडरमा के माइका खदान में ढिबरा चुनने का काम करने को मजबूर थी ताकि अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सके. 14 साल की उम्र में बाल मित्र ग्राम ने उसे ढिबरा चुनने के काम से निकालकर स्कूल में दाखिला करवाया गया. इसके बाद से काजल कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के फ्लैगशिप प्रोग्राम बाल मित्र ग्राम की गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेने लगी.काजल अब तक 35 बच्चों को माइका माइन के बाल मजदूरी से आजाद करवा चुकी है फिलहाल काजल कॉलेज में फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही है और जिसका लक्ष्य है कि वह पुलिस फोर्स ज्वाइन करे.