Supreme Court ने LIC आईपीओ मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस केस में अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा। आधार एक्ट में बदलाव को संसद में वित्त विधेयक की तरह पास करने का मसला पहले से लंबित है।
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नई दिल्ली, 12 मई। सुप्रीम कोर्ट ने एलआईसी के आईपीओ प्रक्रिया में दखल से इनकार कर दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस मामले में अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा। आधार एक्ट में बदलाव को संसद में वित्त विधेयक की तरह पास करने का मसला पहले से लंबित है। इसे भी साथ में सुना जाएगा।
याचिका एलआईसी के कुछ पॉलिसी धारकों ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि एलआईसी एक्ट की धारा 28 में बदलाव फाइनेंस बिल के जरिए किया गया। उन्होंने कहा कि ये बदलाव संविधान की धारा 300ए के तहत संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि एलआईसी का चरित्र म्युचुअल बेनिफिट सोसायटी का है, जिसे बदलकर ज्वायंट स्टॉक कंपनी की तरह कर दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि पहले एलआईसी का 95 फीसदी सरप्लस पॉलिसीधारक को मिलता था और 5 फीसदी सरकार को लेकिन एलआईसी एक्ट में बदलाव कर संविधान की धारा 300ए का उल्लंघन किया गया है।