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Magh Month 2022: माघ महीने में गंगा स्नान का है पौराणिक महत्व

Magh Month: हिंदू संस्कृति में हर महीने का अपना विशेष महत्व होता है। पौष पूर्णिमा के बाद माघ का महीना शुरू हो चुका है और ये महीना हिंदू संस्कृति में एक पवित्र माह माना जाता है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, विकास आर्य। Magh Month: हिंदू धर्म में हर महीने का अपना महत्व है। पौष पूर्णिमा (Paush Purnima 2022) के बाद हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए माह की शुरुआत हो चुकी है। माघ माह (Magh Month) को हिंदू धर्म में पवित्र महीना माना जाता है। इस माह में दान, स्नान, उपवास और तप का विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए इस माह में लोग हरिद्वार और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों पर गंगा स्नान के लिए जाते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है।

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माघ माह में संगम तट पर कल्पवास करने का भी विधान है। धार्मिक दृष्टि से कल्पवास करने वाला व्यक्ति शरीर और आत्मा से नया हो जाता है। आइए जानते हैं इस माह में स्नान-दान और पौराणिक महत्व के बारे में।

कब से शुरु हुआ माघ का महीना 

17 जनवरी को पौष पूर्णिमा के बाद 18 जनवरी से माघ माह की शुरुआत हो चुकी है, जो कि 16 फरवरी 2022 तक चलेगा। पुराणों में पहले इसे माध का महीना कहा जाता था, जिसे बाद में माघ के नाम से जाना जाने लगा।

क्या है पौराणिक महत्व 

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पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में इन्द्र देव को गौतम ऋषि द्वारा श्राप दिया गया था। अपनी गलती का अहसास होने पर इन्द्र देव ने गौतम ऋषि से क्षमा याचना की। फिर गौतम ऋषि ने माघ मास में गंगा स्नान कर इन्द्र देव को गलती का प्रायश्चित करने को कहा। तब उन्होंने इस माह में गंगा स्नान किया था। गंगा में स्नान करने के बाद से ही इन्द्र देव को श्राप से मुक्ति मिली। इसके बाद से ही माघ माह में पूर्णिमा और अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है।

इस महीने में दान का महत्व 

शास्त्रों के अनुसार माघ में तिल, गुड़ और कंबल आदि चीजें दान करने का विशेष महत्व बताय गया है। मान्यता है कि इस माह में दान करने से मनुष्य के शरीर से रोगों का नाश होता है। ऊनी वस्त्र ,रजाई, जूता और शीत निवारक वस्तुएं दान करने से लोगों के दुख दूर होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

मत्स्य पुराण के के अनुसार माघ मास में ब्रह्मवैवर्त पुराण का दान करने से ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि इस माह में नियमित रूप से अन्न दान करने से धन की कमी नहीं होती।

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