लगातार हो रही भारी बारिश और नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में तटवर्ती कई गांव चारों तरफ से बाढ़ की चपेट में हैं। ऐसे में बाढ़ क्षेत्र गांव में शादी है वहां पर नाव से बरात ले जाना व विदाई कराकर वापस लाना बहुत जोखिम भरा हो रहा है।
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सिद्धार्थनगर। लगातार हो रही भारी बारिश और नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में तटवर्ती कई गांव चारों तरफ से बाढ़ की चपेट में हैं। ऐसे में बाढ़ क्षेत्र गांव में शादी है वहां पर नाव से बरात ले जाना व विदाई कराकर वापस लाना बहुत जोखिम भरा हो रहा है।
बात कर रहे हैं सिद्धार्थनगर जिला अन्तर्गत डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के परसोहिया सदानंद की, जो जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दूरी पर है । यहां रात में एक परिवार में लड़की की शादी थी। गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी इस तरह भरा हुआ कि करीब तीन किलोमीटर का सफर नाव ही एक मात्र सहारा है। ऐसे में बारातियों को शादी वाले घर से लेकर दुल्हन की विदाई तक नाव से हुई।
उक्त गांव में सुगम पुत्री कामेश्वर पाण्डेय की शादी थी। बारात त्रिलोकी पुत्र जय मंगल पाण्डेय गांव चोरथरी थाना इटवा से आई। बारात जैसे ही बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत डुढुहिया थाना उतरौला बलरामपुर पहुंची तो चारों तरफ पानी ही पानी देखकर बराती दंग रह गए।
करीब 30 बाराती वहां से वापस अपने गांव चले गए। दूल्हे के साथ करीब 30 लोग नाव के सहारे 3 किलोमीटर का सफर तय करके परसोहिया सदानंद पहुंचे। आने-जाने में सुबह हो गई। विदाई नाव से हुई। नाव पर दूल्हा-दुल्हन बैठकर वापस सुरक्षित स्थान पर पहुंचे तो महिलाओं की भीड़ दुल्हन देखने पहुंचीं।