यमुना के चीरघाट पर स्नान कर रहे एक श्रद्धालु परिवार के लिए नाविक श्रवण निषाद भगवान के द्वारा भेजे गए दूत से कम नहीं था।
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वृंदावन। यमुना के चीरघाट पर स्नान कर रहे एक श्रद्धालु परिवार के लिए नाविक श्रवण निषाद भगवान के द्वारा भेजे गए दूत से कम नहीं था। नही तो प्रशासन की लापरवाही के चलते एक बार फिर एक परिवार का इकलौता चिराग काल के गाल में समा कर हमेशा के लिए भुज जाता। गनीमत रही कि नाविक श्रवण ने यमुना में छलांग लगाकर लगभग आधा किलो मीटर दूर से डूब रहे सात वर्षीय सुरेश पुत्र धर्मेंद्र निवासी झारखंड को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जो की पूरी तरह सुरक्षित है। जिसके लिए मासूम के परिजन व इस नजारे को देख रहे लोगो ने नाविक श्रवण निषाद की अपने शब्दो में सराहना की है। यहां बताते चले की यमुना में डूबने वाला सुरेश अपने घर का इकलौता चिराग है। जिसे लोग उसका दूसरा जन्म भी बता रहे है। वही यमुना के घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओ की सुरक्षा को लेकर लापरवाह प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह उठाए है।