विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने कहा कि रिपोर्ट याद दिलाती है कि कोई भी महामारी गम्भीर स्वास्थ्य संकट के साथ ही दुनिया के देशों के सामने अन्य तरह की चुनौतियां भी पैदा करती है।
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जेनेवा, 02 फरवरी। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से मुकाबला करने की भरपूर मशक्कत हुई है। लेकिन इससे निपटने की प्रक्रिया में दुनिया भर में चिकित्सकीय कचरे का बोझ बढ़ गया है। जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक हालिया रिपोर्ट में चिंता जताई गई है।
The #COVID19 pandemic has generated extra tonnes of waste & exposed cracks in waste management, everywhere.
Waste must be reduced & managed safely, for the health of both people & the environment https://t.co/JsYeqvl7G6 pic.twitter.com/UfI0GRjBD1— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 1, 2022
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना महामारी से मुकाबला करने के प्रयासों के दौरान लाखों टन अतिरिक्त चिकित्सकीय कचरा इकट्ठा हो गया है, जिसने स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर भारी बोझ डाल दिया है। मुख्य रूप से प्लास्टिक से भरे इस चिकित्सकीय कचरे के भारी बोझ से इंसान और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए भी भारी जोखिम उत्पन्न होने के साथ-साथ कचरा प्रबंधन सेवाओं में बेहतरी लाने की तुरंत ज़रूरत भी उजागर हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने कहा कि रिपोर्ट याद दिलाती है कि कोई भी महामारी गंभीर स्वास्थ्य संकट के साथ ही कई तरह की चुनौतियां भी पैदा करती है।
The extra medical waste created by #COVID19 testing, treatment & vaccination has strained 🏥.
All medical activities that create waste need to resource solutions to address it. This helps:
✅ keep 🧑🏻⚕️ & patients safe
✅ protect the environment
✅ reduce climate impacts pic.twitter.com/3lpXuLB17K— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 1, 2022
WHO की ये रिपोर्ट मार्च 2020 से नवंबर 2021 के बीच खरीदे गए निजी बचाव उपकरण (PPE) सामग्री की लगभग 87 हज़ार टन तादाद के विश्लेषण के आधार पर सामने आई है। रिपोर्ट में ज़्यादातर सामग्री कचरे में तब्दील होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 करोड़ से ज़्यादा परीक्षण किटों की आपूर्ति की गई जिनसे लगभग 2600 टन कचरा बनने का अनुमान है। इसके अलावा 7 लाख 31 हज़ार लीटर रासायनिक कचरा भी प्रयोग किया गया।
We need to attend to the extra waste generated by the #COVID19 response
To be resilient, green and minimise waste, health systems & facilities 🏥 must follow the waste management hierarchy :
✅ prevention
🔄 re-use
♻️ recycling
🔂 recovery
🔻 disposalhttps://t.co/JsYeqvl7G6 pic.twitter.com/HSZKzqkqVZपढ़ें :- मणिपुर में हिंसाः वोटिंग के दौरान पोलिंग बूथ पर फायरिंग, तीन जख्मी, तोड़ी EVM
— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 1, 2022