नई दिल्ली, 02 जुलाई। मनरेगा योजना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना काल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) गरीब तबके के लोगों के लिए वरदान साबिक हुई। कोरोना के दौरान मनरेगा ने लोगों को बचा लिया।
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It must be noted MGNREGA is only one part of the solution. It's like a shock absorber that can protect you from a shock. But if the engine of the car doesn't work then the shock absorber is useless.
: Shri @RahulGandhi— Congress (@INCIndia) July 2, 2022
राहुल गांधी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मनरेगा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनेहोंने कहा कि UPA सरकार ने बहुत सोच समझकर मनरेगा को संकल्पित, विकसित और लागू किया था। लेकिन वर्तमान की मोदी सरकार ने मनरेगा को सरकार पर बोझ करार दिया था। उन्होंने कहा कि जब UPA सरकार मनरेगा के बारे में विचार-विमर्श कर रही थी तो उस वक्त नौकरशाहों सहित व्यापारियों ने इस योजना को खारिज करने की कोशिश की थी, लेकिन यूपीए ने इसे लागू किया था।
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I watched how thousands of people were left without jobs during Covid, and MGNREGA saved them.
PM didn't comment about MGNREGA then and after that.
It was obvious what he called a monument of failures had protected India during Covid
: Shri @RahulGandhi
— Congress (@INCIndia) July 2, 2022
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राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद भवन में मनरेगा को लेकर कहा था कि ये यूपीए की विफलताओं का जीवंत स्मारक है। उन्होंने इसे सरकार पर बोझ करार दिया था। लेकिन मनरेगा कोरोना काल में गरीबों के लिए रोजगार की अंतिम उम्मीद बनी। राहुल ने कहा कि कोरोना के दौरान जब हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए तब मनरेगा ने ही लोगों को बचाया था। पीएम मोदी ने उस समय मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया।