हिमाचल प्रदेश में बुधवार की मध्यरात्रि मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। कुल्लू जिले के नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजवन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने से पांच लोगों की जान चली गई है। जबकि 48 लोग लापता हैं। समेज खड्ड में बाढ़ में लापता हुए लोगों को तलाशने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। इसके अलावा NDRF, SDRF ,CISF और पुलिस जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में बुधवार की मध्यरात्रि मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। कुल्लू जिले के नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजवन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने से पांच लोगों की जान चली गई है। जबकि 48 लोग लापता हैं। समेज खड्ड में बाढ़ में लापता हुए लोगों को तलाशने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। इसके अलावा NDRF, SDRF ,CISF और पुलिस जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
उधर, हिमाचल में भारी बारिश से हुई तबाही पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉनिटर कर रहे हैं। मोदी ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों के लिए सभी संभव सहायता जारी करें। सात अगस्त तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। जिला कुल्लू के निरमंड में रात 12 बजे नैन सरोवर और भीमडवारी में एकसाथ बादल फटे। इसका पानी बागीपुल, समेज और गानवी की तरफ आया और 30 किमी नीचे तक तबाही मचाई।
शिमला-कुल्लू की सीमा पर समेज में आई बाढ़ में 30 मकान बहे
शिमला-कुल्लू की सीमा पर समेज में खड्ड में आई बाढ़ में 30 मकान बह गए। यहां छह बच्चों समेत 36 लोग लापता हैं। इनमें चार प्रवासी, ग्रीनको समेज परियोजना के सात कर्मचारी और 22 स्थानीय लोग शामिल हैं। एक स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो बिजली प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गए। वहीं, दूसरी ओर निरमंड के ही बागीपुल में बाढ़ से 10 दुकानें, जियालाल का एक रियायशी मकान जिसमें होटल चल रहा था, दो पटवारघर, पार्क की 15 गाड़ियां, बस अड्डा और पांच पुल बह गए।
यहां जियालाल के परिवार के पांच सदस्य और दो नेपाल मूल के व्यक्ति लापता थे। सात में से दो के शव बरामद हो चुके हैं। कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में वीरवार सुबह बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मलाणा पावर प्रोजेक्ट-एक का बांध टूट गया। बाढ़ से बलाधी गांव में एक सरकारी स्कूल, दो मंदिर, आठ मकान बह गए। नाले के उफान पर आने से पार्वती नदी में भी पानी बढ़ गया। यहां पांच पुल बह गए। शॉट स्थित सब्जी मंडी का बहुमंजिला भवन भी बह गया है।
मंडी जिले के पधर की चौहार घाटी के राजबन गांव में घरों का नामोनिशान मिटा
मंडी जिले के पधर की चौहार घाटी के दुर्गम गांव राजबन में बुधवार रात बादल फटने से आए मलबे में दबने से तीन घरों का नामोनिशान मिट गया। इनमें रह रहे 12 लोगों में से तीन की मौत हो गई है, जबकि दो घायल अवस्था में मिले। सात लोग अभी भी लापता हैं। बाढ़ में 12 गाड़ियां बह गईं। इसके अलावा थल्टूखोड़-ग्रामीण सड़क पर बने तीन पुल और दो घराट बह गए हैं। लापता लोगों में चार बच्चे, दो महिलाएं व एक युवक है।
चंबा जिले की राजनगर पंचायत के रूपणी नाले में बुधवार रात 1 बजे बादल फटने से बाढ़ आई। बाढ़ की चपेट में आने से 20 वाहन मलबे में दब गए। वहीं, लाहौल के जाहलमा में भी बादल फटने से निचले क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। कुल्लू, शिमला, मंडी, कांगड़ा और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आने की भी चेतावनी जारी की गई है। बागीपुल में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत सात लोग अभी भी लापता हैं।
बागीपुल सड़क का मुख्य पुल टूटने से संपर्क कटा
बागीपुल सड़क का मुख्य पुल टूटने से संपर्क कट चुका है। खड्ड किनारे लोगों की जमीनें पानी में बह गईं। करीब 11 घर पानी में बह गए हैं। बाढ़ का कहर कुर्पण तक रहा। केदस में छह गाड़ियां, दो बाइक, एक मकान बह गए। बागीपुल से कुर्पण खड्ड तक करीब 12 फुट ब्रिज पानी में बह गए। जिससे क्षेत्र के लोगों को भारी क्षति पहुंची है।