ह्यूमन राइट्स वाच की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले स्कूल बंद कराकर उन्हें सैन्य चौकी बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, फिर उन्हें सेना के हमले में तबाह कर दिया गया। ये स्थिति बंद होनी चाहिए।
Updated Date
कीव, 2 अप्रैल। यूक्रेन पर रूस के हमले को 38 दिन हो चुके हैं, लेकिन दोनों देश सुलह के लिए आगे बढ़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में यूक्रेन की जनता युद्ध की मार झेलने के लिए विवश है। इन 38 दिनों में यूक्रेन के सैकड़ों स्कूल तबाह हो चुके हैं और दर्जनों ऐतिहासिक स्थल अब इतिहास बन चुके हैं।
यूक्रेन के हजारों स्कूल तबाह
यूक्रेन पर रूसी हमले का शिकार देश के लगभग सभी शहर हुए हैं। पूरे देश में सैकड़ों स्कूल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। सिर्फ राजधानी कीव में 71 विद्यालय तबाह हो गए हैं। खारकीव में 48 स्कूल जमींदोज हो चुके हैं। यूक्रेन के शिक्षा मंत्री शरहीय श्कारलेट के मुताबिक 24 फरवरी से शुरू हुए रूसी हमले के पहले 10 दिनों में ही 211 यूक्रेनी स्कूल तबाह हो चुके थे। अब ये संख्या और भी अधिक बढ़ चुकी है। इनके अलावा यूक्रेन के तमाम ऐतिहासिक इमारतों को भी युद्ध का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
यूक्रेन के कई ऐतिहासिक स्थल अब इतिहास बन गए
यूक्रेन की जधानी कीव के 20 और खारकीव के 18 ऐतिहासिक स्थलों सहित देश के कई ऐतिहासिक स्थल अब इतिहास बन गए हैं। रूसी बमबारी में उनका अस्तित्व समाप्त हो गया है। बीती रात रूसी सेना ने यूक्रेन के निप्रो और पोल्टावा शहर में हवाई हमले किए। हमलों में कई इमारतों को भी निशाना बनाया गया है, जिनमें स्कूल भी शामिल हैं।
वहीं ह्यूमन राइट्स वाच की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले स्कूल बंद कराकर उन्हें सैन्य चौकी बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, फिर उन्हें सेना के हमले में तबाह कर दिया गया। ये स्थिति बंद होनी चाहिए।