पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने पद से हटा दिये गये हैं। फिलहाल राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है।
Updated Date
इस्लामाबाद, 04। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट का नया इतिहास लिखा जा रहा है। रविवार का घटनाक्रम चौकाने वाला रहा। पूरे दिन राजनीतिक उठापटक, विरोध प्रदर्शन और तमाम रणनीति दाव पेंच के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटना पड़ा है। पाकिस्तान कैबिनेट सचिवालय ने इस बाबत एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें पद से हटाया है।
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने भी इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में खारिज किया था। इससे इमरान खान सत्ता से बेदखल होने से बाल-बाल बच गए थे। लेकिन कैबिनेट सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया है।
लंदन में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर दोबारा हमला
पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने को लेकर चल रहा घमासान इस्लामाबाद से लंदन तक पहुंच गया है। लंदन में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर 24 घंटे के भीतर दूसरी बार इमरान खान समर्थकों ने हमला किया जिसमें जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं।
इस्लामाबाद में नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है। पाकिस्तान के विपक्ष दलों ने सुप्रीम कोर्ट से पूर्ण पीठ में सुनवाई की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन दिनों लंदन में रह रहे हैं। उनके लंदन कार्यालय पर दो दर्जन के आसपास नकाबपोश पहुंचे और हमला कर दिया। उस समय वहां नवाज शरीफ समर्थक भी मौजूद थे।
दरअसल एक दिन पहले भी नवाज पर कुछ लोगों ने हमला किया था। तब उन्हें फोन फेंक कर मारा गया था। नवाज समर्थकों का मानना था कि हमलावर इमरान खान के समर्थक हैं। इसीलिए नवाज समर्थक पहले ही उनके लंदन स्थित कार्यालय में जुटे थे। एक बार फिर जब नवाज के कार्यालय में हमला हुआ तो नवाज समर्थकों ने जवाब दिया। इस घटनाक्रम में तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों पक्षों के चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस बीच नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किये जाने के मसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। संयुक्त विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से पूर्ण पीठ (फुल बेंच) में सुनवाई की मांग की है।