बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गोल्ड (सोने) पर कस्टम ड्यूटी घटाने के ऐलान के साथ ही सोने की कीमतों में आई गिरावट से भारतीय बाजार में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों के घरों में रखे सोने के मूल्य में 11 लाख करोड़ की कमी आ गई यानि कि उन्हें इतने का नुकसान हो गया।
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नई दिल्ली। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गोल्ड (सोने) पर कस्टम ड्यूटी घटाने के ऐलान के साथ ही सोने की कीमतों में आई गिरावट से भारतीय बाजार में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों के घरों में रखे सोने के मूल्य में 11 लाख करोड़ की कमी आ गई यानि कि उन्हें इतने का नुकसान हो गया।
भारतीय परिवारों के पास विश्व का सबसे बड़ा सोने का भंडार है। भारत में खासकर मिडिल क्लास के लोग शेयर बाजार से ज्यादा सोने में निवेश करते हैं। देश की मां और बहनों के पास घर में सेविंग के नाम पर कुल इतना सोना मौजूद है, जितना भारतीय रिजर्व बैंक के पास भी नहीं है। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के कुल सोने का लगभग 11 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास है। यह अमेरिका, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और IMF के कुल गोल्ड रिजर्व से भी अधिक है।
बजट के बाद गिरी सोने की कीमत
मालूम हो कि शनिवार (27 जुलाई) को सोने के भाव में तेजी से गिरावट आई। सोने का भाव देश के ज्यादातर राज्यों में पिछले एक हफ्ते में 6 हजार रुपए तक सस्ता हो गया है। राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 68,870 रुपए है।
देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमत
शहर 22 कैरेट 24 कैरेट
लखनऊ 63,140 68,870
कोलकाता 62,990 68,720
बेंगलुरु 62,990 68,720
पटना 63,040 68,770
हैदराबाद 62,990 68,720
जयपुर 63,140 68,870
गुरुग्राम 63,140 68,870
बजट से पहले और बाद में सोने का भाव
बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले सोने के दाम देश में सोने के दाम 75,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थे। जबकि बजट पेश होने के बाद 23 जुलाई को इसकी कीमत 71,200 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। अगर इसकी तुलना शेयर मार्केट से की जाए, तो एक ही दिन में सोने की कीमतों में गिरावट से इंवेस्टर्स को 11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
कीमतों में गिरावट का असर
सोने के दाम गिरने से सर्राफा व्यापारी खुश नहीं थे। उन्होंने अपने पास रखी सोने की होल्डिंग्स को बेचकर मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया। इससे सोने के दाम में और गिरावट आई। गोल्ड लोन बांटने वाली कंपनियां भी इससे खुश नहीं थीं, क्योंकि इससे उनके लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो में कमी आने की आशंका है, जो उन्हें वित्तीय रूप से कमजोर कर सकती है।
नुकसान की गणित को इस तरह समझें
मान लेते हैं कि भारतीय परिवारों और मंदिरों में कुल मिलाकर 30,000 टन से अधिक सोना है। अब 22 जुलाई को इसके भाव के हिसाब से उस दिन इस सोने की कुल कीमत 218 लाख करोड़ रुपए बनती है। जबकि 23 जुलाई को भाव गिरने के बाद इतने सोने की कीमत 207 लाख करोड़ रुपए रह गई। ये सीधे-सीधे सोने की वैल्यू में 10 लाख करोड़ रुपए के नुकसान को दिखाता है।
हालांकि भारतीय बाजार पर नजर रखने वाले सोने-चांदी के एक्सपर्ट का मानना है कि यह समय सोना-चांदी खरीदने का सबसे अच्छा समय है। आने वाले दिनों में शादी-व्याह के सीजन के साथ त्योहार भी आने वाले हैं। जिससे सोने का भाव बढ़ सकता है।