उत्तराखंड में पूर्व आईपीएस किशनचंद की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। ईडी ने 31 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की है। पूर्व आईपीएस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत कारवाई की गई है। हरिद्वार जिले में एक स्कूल भवन और रूड़की जिले स्थित एक स्टोन क्रशर प्लांट को अटैच किया गया है।
Updated Date
देहरादून। उत्तराखंड में पूर्व आईपीएस किशनचंद की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। ईडी ने 31 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की है। पूर्व आईपीएस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत कारवाई की गई है। हरिद्वार जिले में एक स्कूल भवन और रूड़की जिले स्थित एक स्टोन क्रशर प्लांट को अटैच किया गया है।
ED ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संपत्ति अटैच की है। किशनचंद आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी हैं। 2015 में जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की तरफ से किशनचंद पर अनुशासनात्मक मामलों के अलावा कई दूसरे गंभीर विषयों पर शासन में शिकायत की गई थी।
1999 के दौरान किशनचंद पर कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्य में अनियमितता के आरोप लगे थे और उसकी जांच भी की गई थी। राजाजी नेशनल पार्क में रहते हुए अवैध पेड़ कटान से लेकर निर्माण कार्यों में अनियमितता तक के भी आरोप किशनचंद पर लगते रहे हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान तो किशनचंद विभाग में काफी ताकतवर थे। किशनचंद की पत्नी बृजरानी कांग्रेस की नेता रह चुकी हैं।
किशन चंद की पत्नी 1996 में हरिद्वार की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रही हैं। इसके अलावा 2012 में उनकी पत्नी ने रानीपुर से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। साल 2017 में निर्दलीय रूप से भी उनकी पत्नी ने विधानसभा के लिए ताल ठोकी, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाईं। खास बात यह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बृजरानी ने भाजपा की भी सदस्यता ले ली थी।