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रुपये की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट, डॉलर के मुकाबले 77.31 के स्तर तक पहुंचा रुपया

2022 की शुरुआत से लेकर अभी तक रुपया करीब 4 प्रतिशत तक नीचे लुढ़क चुका है। सिर्फ पिछले एक हफ्ते के दौरान ही रुपये की कीमत में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

By इंडिया वॉइस 

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दिल्ली : निगेटिव ग्लोबल सेंटीमेंट्स के कारण रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर तक नीचे फिसल गया है। मुद्रा बाजार के इतिहास में आज पहली बार डॉलर की कीमत 77 रुपये के पार चली गई है। मुद्रा बाजार में रुपये ने आज 21 पैसे की कमजोरी के साथ पहली बार डॉलर के मुकाबले 77 रुपये नीचे जाकर 77.13 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। दोपहर बारह बजे रुपये की कीमत में और 18 पैसे की गिरावट आ गई। इस गिरावट के कारण डॉलर 77.31 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस साल की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों की वजह से रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है। 2022 की शुरुआत से लेकर अभी तक रुपया करीब 4 प्रतिशत तक नीचे लुढ़क चुका है। सिर्फ पिछले एक हफ्ते के दौरान ही रुपये की कीमत में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

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जानकारों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले सप्ताह ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की के बाद से ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) लगातार बिकवाली कर अपना पैसा भारतीय बाज़ार से निकालने में लगे हुए हैं। मई के के पहले सप्ताह के चार कारोबारी दिनों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अभी तक भारतीय बाजार से 6,400 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार अपने पैसे की निकासी करने के कारण मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई जोरदार तेजी की वजह से भी डॉलर की मांग तेज बनी हुई है। मार्केट एनालिस्ट मयंक मोहन का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण बनी वैश्विक तनाव की स्थिति, क्रूड ऑयल की कीमत में लगातार तेजी और ग्लोबल मार्केट में आई भारी गिरावट की वजह से पूरी दुनिया में मुद्रा की स्थिति पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। विदेशी निवेशक अपना पैसा समेटकर उसे सुरक्षित करने में लगे हैं। वहीं ऊंची कीमत पर क्रूड ऑयल की खरीद से भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ गया है। इन वजहों से ही भारतीय मुद्रा बाजार में रुपया लगातार गिरता चला जा रहा है।

मयंक मोहन के मुताबिक अप्रैल के महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 22.31 अरब डॉलर की बिकवाली की थी। भारत के पास मौजूद डॉलर के भंडार से इतनी बड़ी राशि निकल जाने के कारण भी भारतीय मुद्रा बाजार में जहां डॉलर की कीमत ऊपर चढ़ गई, वहीं रुपया टूट कर नीचे आ गया। अभी अंतरराष्ट्रीय हालात जिस तरह के बने हुए हैं, उसमें रुपये की कीमत में अभी और भी गिरावट आने की आशंका बनी हुई है।

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