साइना नेहवाल के पति और बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने नाराजगी जाहीर करते हुए ट्वीट कर कहा कि ये हमारे लिए परेशान करने वाला है। अपनी राय व्यक्त करें, लेकिन बेहतर शब्द चुनें।
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नई दिल्ली, 11 जनवरी। एक्टर सिद्धार्थ के बैटमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल पर ट्वीट के जरिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस दौरान साइना नेहवाल ने सोमवार को सिद्धार्थ के कमेंट पर चुप्पी तोड़ी है। साइना का कहना है कि अभिनेता ने अच्छे लफ्जों का इस्तेमाल नहीं किया। साइना ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उनके कहने का क्या मतलब था। मैं सिद्धार्थ को एक एक्टर के रूप में पसंद करती थी, लेकिन उनका ये कमेंट अच्छा नहीं था। वो अच्छे लफ्जों का इस्तेमाल कर अपनी बात को रख सकते थे। लेकिन मुझे लगता है कि ये ट्विटर है और आपको इस तरह के कमेंट करते समय शब्दों का ध्यान रखना चाहिए। अगर भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा एक मसला है तो मुझे नहीं पता कि देश में क्या सुरक्षित है।
वहीं एक्टर सिद्धार्थ के कमेंट पर साइना नेहवाल के पति और बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने भी नाराजगी जताई है। पारूपल्ली कश्यप ने ट्वीट कर कहा कि ये हमारे लिए परेशान करने वाला है। आप अपनी राय व्यक्त करें, लेकिन बेहतर शब्द चुनें। मुझे लगता है कि आपने सोचा था कि इसे ऐसे कहना कूल रहेगा।’
This is upsetting for us … express ur opinion but choose better words man . I guess u thought it was cool to say it this way . #notcool #disgraceful @Actor_Siddharth
— Parupalli Kashyap (@parupallik) January 10, 2022
उधर साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह नेहवाल ने भी अभिनेता सिद्धार्थ के बयान पर कहा कि साइना नेहवाल के खिलाफ बेहद गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। हरवीर नेहवाल ने कहा कि अभिनेता ने चाहे जानबूझकर या अनजाने में ये टिप्पणी की है, लेकिन उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
वहीं ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने भी सोमवार को एक्टर सिद्धार्थ को साइना नेहवाल पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए फटकार लगाई है।
#SainaNehwal is Nation's pride. Most distasteful and disgusting, where are we taking public discourse… -Sg
— Sadhguru (@SadhguruJV) January 10, 2022
बतादें कि साल 2020 में बीजेपी का थामने वाली साइना नेहवाल ने बुधवार को ट्विटर कर लिखा था कि ‘कोई भी राष्ट्र अपने खुद के सुरक्षित होने का दावा नहीं कर सकता, अगर उसके अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया जाता है।