गुरुग्राम। साइबर सिटी गुरुग्राम में नगर निगम द्वारा की जा रही हाउस टैक्स की वसूली को लेकर सामाजिक न्याय संगठन के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने गुरुग्राम के डीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
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सामाजिक न्याय संगठन के सदस्यों ने नगर निगम गुरुग्राम व नगर निगम मानेसर के खिलाफ हल्ला बोलते हुए कहा कि 1952 में पंचायत बनने के बाद ग्रामीणों ने अपनी निजी ज़मीन गांव की भलाई के लिए पंचायत के नाम कर दी थी और उस वक़्त कोई टैक्स भी नहीं देना पड़ता था। लेकिन 2008 में नगर निगम गुरुग्राम बनने के बाद टैक्स वसूली का खेल शुरु हो गया, जो आज तक जारी है।
कहा-गांवों की हालत खस्ता, जगह-जगह लगे हैं कूड़े के ढेर
सदस्यों की मानें तो आज गांवों की हालत खस्ता हो चुकी है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जहां आवारा पशु घूमते रहते हैं। निगम कर्मचारी टैक्स वसूली करने तो आ जाते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उनके गांव के लोगों को ठगा जा रहा है। सदस्यों की मानें तो करीब 80 गांव निगम के इन नियमों से प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं संगठन सदस्यों ने लगभग 35 गांवों की एक कमेटी का निर्माण किया है। जो संगठन के हाथ मजबूत करते हुए निगम के नियमों के खिलाफ सदस्यों की आवाज़ बनेंगे। सदस्यों का साफतौर पर कहना था कि इस संगठन का किसी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है। बल्कि समाज में हो रही कुरीतियों के खिलाफ भी इनका संगठन सदैव खड़ा रहेगा। तो वहीं बीर सिंह सरंपच ने बताया कि एक महीने तक अगर इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो विशाल आंदोलन होगा।